नई दिल्ली, हरिवंश राय बच्चन की गिनती हिन्दी भाषा के लोकप्रिय कवि व रचनाकारों मे होती है। हरिवंश राय बच्चन का आज जन्म दिन है। हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवम्बर 1907 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार मे हुआ था। इनको बचपन से ही बच्चन कहा जाता था जिसका अर्थ बच्चा या संतान होता है। बाद में हरिवंश राय ने इसे अपने नाम के पीछे जोड़ लिया।
हरिवंश राय ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली और भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए। उन्होंने कुछ समय पत्रकारिता की और एक स्कूल में पढ़ाया भी। पढ़ाते हुए ही उन्होंने एमए किया। हरिवंश राय बच्चन ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1938 में अंग्रेजी में एम. ए. और कैम्ब्रिज से अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवि डब्लू बी यीट्स की कविताओं पर पीएच. डी. की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ही वह 1941 में अंग्रेजी के लेक्चरर हो गए और 1952 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवक्ता रहे है। 1941 में हरिवंश राय बच्चन ने रंगमंच से जुड़ी तेजी सूरी से शादी कर ली। जिनसे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और अजिताभ दो पुत्र हुए।
हरिवंश राय बच्चन की मुख्य-कृतियों मे मधुशाला, निशा निमंत्रण, एकांत संगीत, सतरंगिनी, विकल विश्व, खादी के फूल, सूत की माला, मिलन, दो चट्टानें व आरती और अंगारे इत्यादि कृतियां शामिल हैं।
एक अकेले हों या उनके
साथ खड़ी हो भारी भीड़;
मैं हूँ उनके साथ खड़ी जो
सीधी रखते अपनी रीढ़।
पाप हो या पुण्य हो मैंने किया है
आज तक कुछ भी नहीं आधे हृदय से,
औ’ न आधी हार से मानी पराजय
औ’ न की तसकीन आधी ही विजय से
अलग अलग पथ बतलाते सब
पर मैं यह बतलाता हूँ
राह पकड़ तू एक चला चल
पा जायेगा मधुशाला।
मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला,
प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला,
पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा,
सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।।