नई दिल्ली, पीलीभीत के फर्जी मुठभेड़ मामले में दस सिख तीर्थयात्रियों की जान लेने के दोषी 47 पुलिसकर्मियों को सीबीआई की एक विशेष अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के की पृष्ठभूमि में आज लोकसभा में 1984 के सिख दंगों के दोषियों को सजा देने की मांग की गई। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने पीलीभीत का मामला उठाते हुए कहा कि उन्हें सीबीआई अदालत के इस फैसले के बारे में आज समाचारपत्रों में पढकर 1984 के सिख विरोधी दंगों की याद आ गई जिनमें सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सिखों पर अत्याचार के जो दोषी थे उन्हें सांसद और मंत्री बना दिया गया। उन्हें कोई सजा नहीं दी गई। चंदूमाजरा ने गृह मंत्री से 84 के सिख विरोधी दंगों के दोषियों को सजा दिए जाने की मांग की। इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार का बचाव करते हुए कहा कि पीलीभीत मामले में एक दोषी अभी फरार है और उसे भी एक दो दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा।