नयी दिल्ली , दिल्ली उच्च न्यायालय ने वकील रोहित टंडन और एक अन्य आरोपी को आज जमानत दे दी। दोनों नोटबंदी के बाद हुए धन शोधन से जुड़े एक मामले में आरोपी हैं और न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मुकदमे की सुनवाई शुरू होने में देरी हो सकती है इसलिए इसे मंजूर किया जाता है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने पांच – पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानत बांड पर टंडन और मामले में दूसरे आरोपी राजकुमार गोयल की जमानत मंजूर की। टंडन ने निचली अदालत द्वारा अपनी जमानत याचिका खारिज किये जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह एक “ वित्तीय अपराध ” के आरोपी है जिसे उन्होंने दूसरे आरोपी के साथ “ सुनियोजित ” तरीके से अंजाम दिया।
एक डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम करने वाले गोयल पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पैसों को अलग – अलग खातों में भेजकर लाभ कमाया। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि दोनों करीब डेढ़ साल से जेल में बंद हैं। अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में मिले साक्ष्य मुख्यत : दस्तावेजी प्रकृति के हैं और आरोपियों के बयान पहले ही रिकॉर्ड किए जा चुके हैं।
अदालत ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा ,सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के रूप में मौजूद पुष्टि करने वाले साक्ष्यों की प्रकृति भी दस्तावेजी है। मुकदमा शुरू होने में कुछ समय लग सकता है। इसलिए यह अदालत याचिकाकर्ताओं की जमानत मंजूर करती है। दोनों को राहत देते हुए अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भी धोखाधड़ी , फर्जीवाड़ा और विश्वासघात के अपराधों के संबंध में दर्ज मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था और बिना गिरफ्तारी के एक आरोप – पत्र दाखिल किया था।
काले धन की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई छापेमारी के बाद वकील को गिरफ्तार किया गया था। इस छापेमारी में टंडन के लॉ फर्म से 13.6 करोड़ रुपये की कथित जब्ती हुई थी। करीब 60 करोड़ रुपये की चलन से बाहर हुई मुद्रा को अवैध तरीके से बदलने के मामले में कथित तौर पर शामिल टंडन को निचली अदालत से राहत नहीं मिली थी। अदालत ने कहा था कि जमानत पर रिहा करने की सूरत में वह अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। टंडन और गोयल के अलावा कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंधक आशीष कुमार और दिल्ली के एक कारोबारी योगेश मित्तल भी इस मामले में आरोपी हैं। इस मामले में टंडन के निजी सहायक दिनेश भोला और चार्टर्ड अकाउंटेंट कमल जैन भी आरोपी हैं।