नई दिल्ली , दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उस पाकिस्तानी जेआईटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘आमंत्रण’ पठानकोट हमले के लिए वहां की खुफिया एजेंसी को ‘क्लीन चिट’ देने के समान था, जिसमें एक आईएसआई अधिकारी शामिल था। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि विदेश नीति में ‘भारी’ नाकामी के लिए उन्हें ‘माफी’ मांगनी चाहिए। केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वायुसेना के पठानकोट ठिकाने पर हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) को आमंत्रित करने का केंद्र का फैसला ‘भारी नाकामी’ थी और भारत माता की पीठ में ‘छुरा घोंपने’ के समान था।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने पिछले साल दिसंबर में अपनी लाहौर यात्रा के दौरान अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के साथ एक समझौता किया था। उन्होंने ‘देश के हित में’ इसका ब्यौरा मांगा।
केजरीवाल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने यह जानने के बाद भी आईएसआई अधिकारियों को बुलाया कि पठानकोट आतंकी हमले के पीछे वही थी। यह क्लीन चिट देने के समान है। अब जबकि जेआईटी ने कथित तौर पर दावा किया है कि भारत ने खुद ही हमला कराया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘जिस तरह मोदी जी ने पाकिस्तान के सामने आत्मसमर्पण किया है, किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया।’
आप नेता ने कहा कि इस प्रकार के आत्मसमर्पण के बाद भारत के लंबे समय से चले आ रहे इस रुख पर कौन विश्वास करेगा कि भारत में आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी है। ‘यह विदेश नीति की भारी नाकामी है।’जरीवाल ने कहा, ‘लेकिन इस नाकामी की वजह क्या है? देश मोदी जी और शरीफ के बीच हुए समझौते के बारे में जानना चाहता है। देश को बेचा जा रहा है। प्रधानमंत्री को देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भाजपा और आरएसएस पर ट्वीट के जरिए भी निशाना साधा और पाकिस्तान के सामने भारत को ‘लज्जित’ करने के लिए मोदी की आलोचना की।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘भाजपा, आरएसस के लोग भारत माता क जय का नारा लगाते हैं लेकिन आईएसआई को भारत बुलाकर भारत माता की पीठ में छुरा घोंपते हैं।’ पठानकोट आतंकवादी हमला एक और दो जनवरी की रात हुआ था और यह करीब 80 घंटा चला था। उस हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे वहीं चार आतंकवादी मारे गए थे।