हमीरपुर/मंडी, हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश महासचिव एवं सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना का पैसा रोककर एक बार फिर विकास पर हमला किया है।
श्री जम्वाल ने कहा कि इस राशि से राज्य में विधानसभा क्षेत्रों में सड़क निर्माण, सामुदायिक भवनों का निर्माण, बुनियादी विकास आदि के लिए थी। इससे विधानसभा क्षेत्रों विकास कार्य रुके गए है।
उल्लेखनीय है कि पिछली भाजपा सरकार ने वित्तीय वर्ष 22-23 में इस राशि को 1.80 करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दिया था और इस जय राम ठाकुर सरकार की दिया था।
उन्होंने कहा कि योजना विभाग के जरिए इसकी तीन किस्तें विधानसभा क्षेत्रों में पहुंच चुकी हैं, लेकिन सुक्खू सरकार की ओर से अब तक अंतिम किस्त नहीं दी गई है, जोकि प्रति क्षेत्र 50 लाख रुपये है।
उन्होंने कहा, “यह किस्त विधानसभा क्षेत्रों में जनवरी के पहले सप्ताह में दी गई थी, लेकिन यह बार ऐसा पहली बार हुआ है कि यह किस्त विधानसभा क्षेत्रों में नहीं पहुंच सकी। योजना विभाग ने इसकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी है, लेकिन वहां से फाइल वापस नहीं आई है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि हिमाचल प्रदेश श्रीलंका की तरह भुखमरी के कगार पर है, लेकिन 6 सीपीएस बनाकर हिमाचल पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है, यही नहीं स्वयं के लिए अतिरिक्त वाहन की मांग कर रहे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने मीडिया सलाहकार, आईटी सलाहकार, राजनीतिक सलाहकार और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष को कैबिनेट रैंक देकर भी हिमाचल प्रदेश पर वित्तीय बोझ बढ़ाया है।
कांग्रेस सरकार को हिमाचल प्रदेश के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए और फिजूलखर्ची बढ़ाकर राज्य में आर्थिक संकट नहीं बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश भाजपा सरकार में 2017 से 2022 तक शिखर की ओर बढ़ रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार में 2022 के बाद हिमाचल श्रीलंका की तरह पिछड़ रहा है, जोकि हैरान करने वाला है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों एक ही संसदीय क्षेत्र से हैं और अब तक हुई सभी नियुक्तियों में कांगड़ा को नजरअंदाज किया गया है।