नई दिल्ली, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पार्टी से वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने पर किसी तरह की राजनीति नहीं करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के बारे में सभी निर्णय जीएसटी परिषद ने सर्वसम्मति से लिए हैं। जेटली ने कहा कि यह पहला संघीय संस्थान है जिसके प्रमुख केंद्रीय वित्त मंत्री हैं और इसमें सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व है। सरकार की योजना जीएसटी को 30 जून की मध्यरात्रि को संसद के केंद्रीय सभागार से लागू करने की है।
इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन के अलावा सांसद मौजूद रहेंगे। जेटली इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को पहले ही न्योता दे चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस पार्टी ने अभी इस कार्यक्रम में शामिल होने के बारे में कुछ नहीं कहा है, जेटली ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे क्या करेंगे। जीएसटी के बारे में सभी फैसले सामूहिक तरीके से लिए गए हैं और हम इसका शुभारंभ इस तरीके से करना चाहते हैं जिससे हमारी नीति की सामूहिक प्रवृत्ति का पता लगे।
उन्होंने कहा कि जीएसटी पूरे देश के लिए है और सभी राजनीतिक दलों ने जीएसटी संविधान संशोधन कानून का संसद में समर्थन किया है। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों ने जीएसटी कानून को पारित कर दिया है। जेटली ने यहां एबीपी न्यूज द्वारा आयोजित जीएसटी सम्मेलन में कहा, यह पूरे देश के लिए है। राष्ट्रपति भी इसमें होंगे। इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि संसद में सभी राजनीतिक दलों ने जीएसटी का समर्थन किया जिसके बाद परिषद का गठन हुआ।
उन्होंने कहा, जीएसटी परिषद पहले संघीय संस्थान है जिसमें सभी फैसले सर्वसम्मति से किए गए हैं। इसमें कोई भी फैसला राजग या संप्रग, या राजनीति के आधार पर नहीं लिया गया है। सभी फैसले देश और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर लिए गए हैं। कांग्रेस ने अभी इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कुछ नहीं कहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि पार्टी अभी इस पर विचार कर रही है कि इस बैठक में शामिल हुआ जाए या नहीं। पार्टी ने अभी इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कुछ पुख्ता आश्वासन नहीं दिया है।