दिकोया/नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि विविधता उत्सव मनाने का विषय है, संघर्ष का नहीं और भारत मध्य लंका में तमिलों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए श्रीलंका की ओर से उठाये गए सक्रिय कदमों का पूरा समर्थन करता है। दिकोया में भारत के सहयोग से निर्मित अत्याधुनिक अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंकाई नागरिकों की आर्थिक समृद्धि एवं द्विपक्षीय विकास सहयोग को गहरा बनाने पर जोर दिया।
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मोदी ने इस क्षेत्र में 10 हजार अतिरिक्त मकान का निर्माण कराने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने 1990 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा का पश्चिमी एवं दक्षिणी क्षेत्र से विस्तार अन्य सभी प्रांतों में करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत ने व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र, 10 इंजीनियरिंग प्रशिक्षण केंद्र और लैब की स्थापना की है ताकि उपयुक्त कौशल विकास किया जा सके, इसके साथ ही चाय बागान के स्कूलों में कम्प्यूटर और विज्ञान लैब भी स्थापित किये गए हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1974 में गठित सीलोन इस्टेट वर्कर एजुकेशन ट्रस्ट के तहत शिक्षा प्राप्त करने के लिए 700 छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री ने श्रीलंका चाय उद्योग के तमिल श्रमिकों से कहा कि चाय पे चर्चा सच्चे श्रम की ईमानदारी के प्रति गहरे सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विविधता उत्सव मनाने का विषय है, संघर्ष का नहीं। सिंहला और तमिल लोग और उनकी भाषाएं सौहार्दपूर्वक अस्तित्व में रही हैं।
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मोदी ने कहा कि हमें एकता और सौहार्द की डोर को मजबूत बनाने की जरूरत है, अलग करने की नहीं। भारत मध्य लंका में तमिलों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए श्रीलंका की ओर से उठाये गए सक्रिय कदमों का पूरा समर्थन करता है। श्रीलंका करीब तीन दशकों तक चले गृह युद्ध के जख्मों से उबर रहा है जो श्रीलंका सरकार और लिट्टे के बीच पृथक तमिल इलम के लिए हुआ था। इस युद्ध के कारण तमिलों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसमें एक अनुमान के अनुसार 80 हजार से एक लाख लोग मारे गए।
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श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे की मौजूदगी में मोदी ने हजारों की संख्या में उपस्थित तमिलों को संबोधित करते हुए कहा, हमें एकता की डोर को मजबूत बनाने की जरूरत है, अलग करने की नहीं। मोदी ने 90 वर्ष पहले इस देश के मध्य क्षेत्र में महात्मा गांधी की यात्रा का स्मरण किया।
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उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की इस ऐतिहासिक यात्रा की याद में 2015 में मातले में भारत के सहयोग से महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय केंद्र स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान भारत की महान विभूति पुराची तलैवर एमजीआर और श्रीलंका के प्रसिद्ध स्पिनर मुथया मुरलीधरन को याद किया। उन्होंने अपने भाषण का समापन महान कवि थिरूवलुवर को याद करके किया।
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