विश्व होम्योपैथी दिवस – लोगों का भरोसा बढ़ाने के लिये हो रहें ये कार्य
April 9, 2019
नयी दिल्ली, सरकार देश में होम्योपैथी चिकित्सा को ज्यादा प्रभावी बनाने और शोध के जरिए विज्ञान तथा इस परंपरागत चिकित्सा प्रणाली के बीच की दूरी कम करने के लिए कदम उठा रही है।
आयुष मंत्रालय में सचिव डॉ वैद्य राजेश कोटेचा ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए होम्योपैथी चिकित्सा को शोध के जरिए ज्यादा सशक्त बनाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इसके लिए होम्योपैथी उत्पादों की गुणवत्ता को बढाया जा रहा है।
यह दिवस होम्योपैथी के संस्थापक डॉ0 क्रिश्चियन फ्रेडरिक सेमुएल हनीमैन के जन्मदिवस विश्वभर में मनाया जाता है। डॉ कोटेचा ने इस मौके पर दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ भी किया जिसमें होम्योपैथी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि होम्योपैथी पर लोग ज्यादा भरोसा कर सकें इसके लिए होम्योपैथी उत्पादों की गुणवत्ता को बेहतर और ज्यादा विश्वसनीय बनाया जा रहा है। होम्योपैथी कॉलेजों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा रहा है और इससे जुड़े उत्पादों की गुणवत्ता पर फोकस किया जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने वैकल्पिक चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आजीवन उपलब्धि सम्मान सहित कई पुरस्कार वितरित किए। होम्योपैथी के क्षेत्र में उल्लेखनीय याेगदान के लिए लाइफटाइम अचिवमेंटए सर्वश्रेष्ट शिक्षकए युवा वैज्ञानिक और सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान पुरस्कार प्रदान किये।
डॉ कोटेचा ने इस मौके पर डाॅ़ रामलाल पी पटेल को सर्वश्रेष्ट चिकित्सकए डाॅ़ रवि एम नायर को सर्वश्रेष्ट शिक्षाविद् ए प्रोफेसर के घोष को सर्वश्रेष्ट अनुसंधान के लिए लाइफटाइम अचिवमेंट पुरस्कार प्रदान किये जबकि डॉ़ तापस खंडु को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के लिए पुरस्कृत किया गया।
डाॅ़ पूनम हिमा बिंदु और डॉ़ मुनमुन कोले को सर्वश्रेष्ट युवा वैज्ञानिक के पुरस्कार से नवाजा। भुवनेश्वर के डाॅ़ ए सी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य एवं अधीक्षक प्रोफेसर लक्ष्मीकांत नंद को सर्वश्रेष्ट शिक्षक के पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस दौरान डेंगू, चिकनगुनियाॉ, तपेदिक आदि बीमारियों पर अनुसंधान के लिए चंडीगढ आयुष निदेशालय और क्लीनिकल शोध के लिए हैदराबाद के जेएसपीएस गर्वन्मेंट हाेम्योपैथिक मेडिकल काॅलेज के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी किये गये।