रायपुर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में 1857 के आजादी की जंग के नायक शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म एवं कर्मभूमि पर वेदान्ता समूह को राज्य की बाघमारा गोल्ड माइंस की वर्ष 2016 में दी गई खनन अनुमति की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। बघेल ने मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने के बाद अपने सीधे अधीन खनिज विभाग के काम.काज की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया।उन्होने कहा कि अमर शहीद वीर नारायण सिंह की स्मृतियां हमारी अनमोल धरोहर है।उनकी जन्म और कर्म भूमि पर खनन की अनुमति देना चिंताजनक था।
उन्होंने कहा कि इस बात की समीक्षा की जाएगी कि किन परिस्थितियों में अमर शहीद की माटी की खुदाई का निर्णय लिया गया। राज्य के बलौदा बाजार जिले में लगभग 600 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले बाघमारा गोल्ड माइंस की खनन की अनुमति 2016 में पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में वेदान्ता समूह ने ई.नीलामी के जरिए हासिल की थी।नीलामी एवं अनुमति देने से पूर्व इससे होने वाले विस्थापन समेत अन्य मुद्दों पर ध्यान नही दिया गया था।इससे लगभग 24 गांव के लोगो का विस्थापन होने की संभावना थी जिसमें शहीद वीर नारायण सिंह का गांव भी शामिल है।इन गांव के सरपंचों एवं लोगो ने नीलामी के समय ही इसका विरोध किया था।
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को अमर शहीद वीर नारायण सिंह की स्मृतियों के अक्षुण रखने हुए खनन अनुमति के सभी पहलुओं पर विचार करने और उस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।रिपोर्ट मिलने पर सरकार उस पर विचार कर निर्णय लेगी।सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट के अनुकूल नही होने पर राज्य सरकार खनन अनुमति रद्द भी कर सकती है।अगर खनन अनुमति रद्द हुई तो वेदान्ता समूह के लिए यह काफी बड़ा झटका होगा।