नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत, इजरायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के गठबंधन आईटूयूटू के विज़न एवं एजेंडा को प्रगतिशील एवं व्यावहारिक बताया है और विश्वास जताया है कि यह मंच वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल की मेजबानी में आईटूयूटू की वर्चुअल माध्यम से हुई पहली शिखर वार्ता में भाग लेते हुए यह बात कही। बैठक में इजराइल के प्रधानमंत्री याइर लापीद, अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बिडेन और यूएई के राष्ट्रपति शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री लापीद को प्रधानमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ तथा शिखर वार्ता की मेजबानी करने के लिए भी धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि यह सही मायने में रणनीतिक साझीदारों की बैठक है। हम सभी अच्छे मित्र भी हैं, और हम सभी के दृष्टिकोण और हमारे हितों में भी समानता है। आज की इस पहली शिखर वार्ता से ही “आई-टू-यू-टू” ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने कई क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं की पहचान की है, और शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नहयान बढ़ने का रोडमैप भी बनाया है। “आई-टू-यू-टू” फ्रेमवर्क के तहत हम जल, ऊर्जा, परिवहन, स्पेस, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त निवेश बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। इससे यह स्पष्ट है कि “आई-टू-यू-टू” का विजन और एजेंडा प्रगतिशील और व्यावहारिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने देशों की परस्पर क्षमताओं – पूंजी, विशेषज्ञता और बाज़ार- को मोबिलाईज करके हम अपने एजेंडा को गति दे सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा सहकारी फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि “आई-टू-यू-टू” से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।”