नई दिल्ली, एआईएडीएमके से पार्टी की वरिष्ठ नेता शशिकला और दिनाकरण को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. पार्टी के 20 मंत्रियों ने यह फैसला लिया. इस फैसले से लगता है कि पार्टी के दोनों गुटों में विलय अब संभव है.एआईएडीएमके के दोनों गुटों के बीच विवाद के कारण पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘दो पत्ती’ को निर्वाचन आयोग ने ज़ब्त कर लिया था.
जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके दो धड़ों में बंट गई थी. एक का नेतृत्व जेल में बंद पार्टी महासचिव शशिकला कर रही हैं, तो दूसरे का नेतृत्व पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं. कई मंत्रियों ने पन्नीरसेल्वम के साथ सुलह पर विचार-विमर्श किया था.
सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने साफ़ कर दिया था कि शशिकला और दिनाकरण के पार्टी में रहते हुए सुलह संभव नहीं है. पन्नीरसेल्वम ने तर्क दिया था कि एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन और जयललिता, पार्टी पर किसी परिवार के नियंत्रण के खिलाफ थे.उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एमजीआर ने जब एआईएडीएमके का गठन किया तो उन्होंने अपने भाई तक को पार्टी के कामकाज में कभी शामिल नहीं किया. वहीं पन्नीरसेल्वम ने कहा था कि जयललिता ने केवल शशिकला को पार्टी में शामिल किया था, उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं.