नयी दिल्ली, केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय जल उपचार संयंत्रों के परिचालन की निगरानी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्येश्य से ‘महिलाओं के लिए पानी, पानी के लिए महिलाएं अभियान’ को शुरू करने की तैयारी की है।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस अभियान का उद्देश्यु 550 से अधिक जल उपचार संयंत्रों का दौरा कराने के लिए जल शासन प्रणाली महिला स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं को शामिल करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है। ‘जल दिवाली’ के पहले चरण में चूनाव आचार संहिता के अंतर्गत चल रहे राज्यों को छोड़ कर पूरे देश से 15,000 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं की भागीदारी रहेगी।
इस योजना में मंत्रालय के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) की भी भागीदारी है। विज्ञप्ति के मुताबिक इस पहल में ओडिशा अर्बन एकेडमी इसकी ‘नॉलेज पार्टनर’ (बौद्धिक भागीदार) है। इस ‘जल दिवाली’ अभियान मंगलवार सात नवंबर से नौ नवंबर तक चलेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है,‘‘इस अभियान का उद्देश्य जल शासन प्रणाली में महिलाओं को शामिल करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। उन्हें अपने-अपने शहरों में जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) के दौरे के माध्यम से जल उपचार प्रक्रियाओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान की जाएगी। संयंत्रों के दौरों से उन्हें घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने में प्रयुक्त महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को स्पष्ट रूप से देखने का अवसर मिलेगा।”
इसके अलावा, महिलाओं को जल गुणवत्ता परीक्षण प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी जो यह सुनिश्चित करती है कि नागरिकों को अपेक्षित गुणवत्ता का जल उपलब्ध हो। इस अभियान का व्यापक लक्ष्य जल बुनियादी ढांचे के प्रति महिलाओं में स्वामित्व और अपनेपन की भावना को विकसित करना है।
देश में 3,000 से अधिक जल उपचार संयंत्र हैं, जिनकी निर्मित जल उपचार क्षमता दैनिक 65,00 करोड़ लीटर है और इनमें रोज 55,00 करोड़ लीटर जल का उपचार होता है।
इस अभियान के दौरान, महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) 550 से अधिक जल उपचार संयंत्रों का दौरा करेंगे, जिनकी संयुक्त परिचालन क्षमता 20,00 करोड़ लीटर अधिक है।