कोच्ची, भारतीय टीम के विवादित पूर्व तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की प्रशासक समिति के अध्यक्ष और पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय से अपने ऊपर लगे अजीवन प्रतिबंध को हटाने के लिए पत्र लिखा है। उनके करीबी लोगों के मुताबिक श्रीसंत बीसीसीआई द्वारा उनके प्रति किए जा रहे व्यवहार से काफी दुखी हैं। श्रीसंत को बोर्ड ने स्कॉटलैंड क्रिकेट लीग में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से भी मना कर दिया था। इससे भी श्रीसंत काफी निराश हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग 2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने श्रीसंत और दो अन्य खिलाड़ियों पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑग्र्नाइज्ड क्राइम एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन 2015 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इन तीनों खिलाड़ियों को बरी कर दिया था। बीसीसीआई में बदले निजाम के बाद राय के हाथों में इस समय बोर्ड की बागडोर है। राय ने आईएएस अधिकारी के तौर पर केरल में लंबे समय तक काम किया है। श्रीसंत को उम्मीद है कि वह उन पर लगे प्रतिबंध को हटा देंगे। श्रीसंत का यह प्रयास अगर विफल भी हो जाता है तो वह अदालत जाने के लिए भी तैयार हैं।
अजीवन प्रतिबंध के कारण श्रीसंत कोई भी लीग मैच नहीं खेल सकते और न ही बीसीसीआई या उससे संबंध रखने वाले किसी राज्य संघ के स्टेडियम में अभ्यास कर सकते हैं। श्रीसंत ने मई-2016 में केरल की तिरुवंतपुरम विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। उनके उम्मीद थी कि तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर जो भाजपा से सांसद हैं, उन पर लगे प्रतिबंध को हटा देंगे, लेकिन श्रीसंत का ऐसे समय भाजपा का साथ देना भी काम नहीं आया और ठाकुर ने भी उनकी एन न सुनी। श्रीसंत केरल की ओर से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं।