लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश की सभी उच्च शिक्षण संस्थाएं शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करें।
श्रीमती पटेल ने आज राजभवन से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विश्वविद्यालय के स्लेट, कम्यूनिकेशन, रिक्रूटमेंट, आटोमेशन ऑफ सेलरी सिस्टम, काउंसिलिंग एवं अनलाॅक पोर्टल सहित अभियांत्रिकी संकाय में स्थापित कम्प्यूटर सेन्टर का ऑनलाइन उद्घाटन किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा राज्य की उच्च शिक्षण संस्थाओं से अपेक्षाएं’ विषयक ई-संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की सभी उच्च शिक्षण संस्थाएं शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वे वैश्विक मंचों पर आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देखरेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करें।
राज्यपाल ने कहा कि उच्चतर शिक्षा प्रणाली में शिक्षण तथा पठन-पाठन ऐसा होना चाहिए जो विद्यार्थियों में अन्वेषण, समाधान, तार्किकता और रचनात्मकता विकसित करे। उनमें नई जानकारी को आवश्यकतानुसार उपयोग करने की दक्षता और सोच पैदा करे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी जाए जो चरित्र निर्माण, नैतिकता, करूणा और संवेदनशीलता के साथ उनमें संस्कार के भाव भी विकसित करे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से हम सभी को ऐसे विद्यार्थियों को गढ़ना है जो राष्ट्र-गौरव के साथ विश्व-कल्याण की भावना से ओत-प्रोत हों और वे सही मायने में ग्लोबल सिटिजन बन सकें।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के दृष्टिगत उच्च शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से अनुसंधान और उद्योग आधारित कौशल सशक्तिकरण पर केन्द्रित हो, जो विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को अवसर प्रदान करने, उनकी क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ रोजगार के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
उन्होंने कहा कि जब विद्यार्थी कौशल विकास करेंगे तो वे स्वयं का उद्यम भी आसानी से प्रारम्भ कर सकेंगे और उससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं को स्टार्टअप इंडिया में अवसर मिलेगा और वे अपने कौशल का समुचित उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनने जा रहा है, जिसका पूरे समाज में एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रत्येक विद्यार्थी में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित कर उनमें निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है। इसके साथ ही इसमें वंचित समूहों की समान सहभागिता एवं महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस नीति में आनलाइन शिक्षा, डिजिटल शिक्षा, शिक्षा में प्रौद्योगिकी, भारतीय भाषाओं को बढ़ावा, शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण, व्यावसायिक शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा और वित्तपोषण शिक्षा इन सभी पर जोर दिया गया है।
इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय, रजिस्ट्रार डा0 विनोद कुमार सिंह, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण सहित अन्य लोग भी ऑनलाइन जुड़े हुए थे।