कोलंबो, तमिल राष्ट्रगान पर लगे अनौपचारिक बैन को हटाते हुए श्रीलंका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश का राष्ट्रगान तमिल भाषा में गाया गया। यह कदम सजातीय अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के साथ मैत्री के प्रयास के तहत उठाया गया है।
श्रीलंका को ब्रिटेन से मिली आजादी की 68वीं वषर्गांठ के अवसर पर स्कूली छात्रों ने गाले फेस ग्रीन पार्क में आयोजित रंगारंग समारोह के दौरान सिंहला और तमिल भाषा में राष्ट्रगान गाया। इस कदम को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ लगभग 26 साल तक चले युद्ध के बाद तमिल अल्पसंख्यक समुदाय तक पहुंचने के सरकार के प्रयास के तहत देखा जा रहा है। लिट्टे के साथ चले इस युद्ध की समाप्ति साल 2009 में हुई। गृहयुद्ध के दौरान लगभग एक लाख लोग मारे गए थे। सार्वजनिक उद्यम विकास उपमंत्री एरान विक्रमरत्ने ने कहा, तमिल में राष्ट्रगान की बहाली करने से एक नए सफर की शुरुआत हो गई है। उप विदेशमंत्री हर्षा डी सिल्वा ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, मेरे जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है। इतने वर्षों बाद स्वतंत्रता दिवस के जश्न का समापन तमिल में राष्ट्रगान गाकर हुआ। महिंदा राजपक्षे को हराकर साल 2015 में राष्ट्रपति बने मैत्रिपाल सिरीसेना ने मैत्री प्रक्रिया के तहत तमिलों को वापस जोडने के लिए कई कदम उठाए हैं। श्रीलंकाई बलों ने लिट्टे को राजपक्षे के नेतृत्व में हराया था। राजपक्षे ने राष्ट्रगान के तमिल स्वरूप पर अनौपचारिक तौर पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले साल के स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान शांति घोषणा पढ़ी गई थी, जिसमें गृहयुद्ध के दौरान मारे गए सभी सजातीय समूहों के प्रति सम्मान प्रकट किया गया था। इसके साथ ही यह संकल्प भी लिया गया था कि दोबारा हिंसा नहीं होने दी जाएगी। शांति से जुड़े इस बयान को स्कूली बच्चों ने सभी तीन भाषाओं में पढ़ा था।