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श्रीलंका पर बादशाहत बरकरार रखने उतरेगा दक्षिण अफ्रीका

लंदन, मजबूत बल्लेबाजी और दमदार आक्रमण के दम पर खिताब के दावेदारों में शामिल दक्षिण अफ्रीका ओवल में जब श्रीलंका के खिलाफ आईसीसी चौंपियन्स ट्राफी में अपना पहला मैच खेलने के लिये उतरेगा तो उसका लक्ष्य अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पिछले कुछ समय से चला आ रहा अपना विजय अभियान बरकरार रखना होगा। दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका ने जो पिछले सात एकदिवसीय मैच खेले हैं उन सभी में जीत दर्ज की है।

इनमें इस साल जनवरी-फरवरी में दक्षिण अफ्रीका में खेली गयी पांच मैचों की श्रृंखला भी शामिल हैं जिसमें उसने 5-0 से क्लीन स्वीप किया था। इससे पहले विश्व कप 2015 के सिडनी में खेले गये क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को 133 रन पर समेटकर नौ विकेट से बड़ी जीत दर्ज की थी। आईसीसी वनडे रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज दक्षिण अफ्रीका का पलड़ा भारी नजर आता है लेकिन आईसीसी टूर्नामेंटों में उसका रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है और वह खुद पर लगा चोकर्स के ठप्पे को समाप्त करने के लिये भी बेताब होगा।

दक्षिण अफ्रीका ने 1998 में पहली चौंपियन्स ट्राफी जीती थी और इसके अलावा वह कभी कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया। दक्षिण अफ्रीका की टीम काफी संतुलित है। उसके पास विश्व का नंबर एक बल्लेबाज एबी डिविलियर्स और विश्व का नंबर एक गेंदबाज कैगिसो रबाडा हैं। बल्लेबाजी में डिविलियर्स के अलावा अनुभवी हाशिम अमला, विस्फोटक क्विंटन डिकाक, फाफ डु प्लेसिस और जेपी डुमिनी जैसे धुरंधर शामिल हैं। डेविड मिलर अपने विस्फोटक तेवरों के लिये जाने जाते हैं जबकि क्रिस मौरिस और वायने पर्नेल की आलराउंड क्षमता टीम को संतुलन प्रदान करती है।

दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों के प्रदर्शन का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसके चार बल्लेबाज और दो गेंदबाज आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष दस में शामिल हैं जबकि श्रीलंका का कोई भी खिलाड़ी चोटी के दस में नहीं है। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान डिविलियर्स ने कहा कि उनकी टीम टूर्नामेंट से पहले आत्मविश्वास से भरी है। उन्होंने कहा, हम अब भी विश्व की नंबर एक टीम हैं, इसलिए हमारे लिये मनोबल बढ़ाने के कुछ कारण है। लेकिन हम यह भी जानते हैं कि जीत दर्ज करने के लिये हमें अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

दक्षिण अफ्रीका ने हाल में इंग्लैंड से तीन मैचों की श्रृंखला 1-2 से गंवायी थी लेकिन उसने लार्डस में खेले गये आखिरी मैच में सात विकेट से बड़ी जीत दर्ज की थी। उस मैच में रबाडा, पर्नेल और स्पिनर केशव महाराज की तिकड़ी ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस नहस करके उसे 153 रन पर ढेर कर दिया था। श्रीलंका पिछले कुछ समय से लगातार संघर्ष कर रहा है तथा कप्तान एंजेलो मैथ्यूज के पिंडली के दर्द के फिर से उबरने के कारण उसकी समस्या बढ़ गयी है।

मैथ्यूज ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला अभ्यास मैच खेला था और उसमें 95 रन बनाये थे लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे मैच में वह नहीं खेल पाये थे। श्रीलंका को कमजोर गेंदबाजी आक्रमण के कारण इन दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। अगर मैथ्यूज फिट नहीं होते हैं तो मध्यक्रम में टीम को उनकी बड़ी कमी खलेगी। उसके कम अनुभवी बल्लेबाज कुशाल मेंडिस, निरोशन डिकवेला, कुशाल परेरा के साथ पिछले कुछ वर्षों से टीम के अहम अंग रहे उपुल थरंगा और दिनेश चंदीमल को रबाडा एंड कंपनी के सामने कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।

श्रीलंका की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी गेंदबाजी है। उसे लेसिथ मलिंगा की कमी खल रही है जो नवंबर 2015 के बाद कोई वनडे मैच नहीं खेले हैं। उनकी अनुपस्थिति में नुवान कुलशेखरा, सुरंगा लखमल, नुवान प्रदीप प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में उसके गेंदबाज 356 रन के विशाल लक्ष्य का बचाव करने में नाकाम रहे थे जो निश्चित तौर पर श्रीलंका के लिये चिंता का विषय होगा।