नई दिल्ली, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि संगठन के चुनावों के बाद राजनीतिक पार्टी की घोषणा की जायेगी। योगेंद्र यादव ने स्वराज अभियान के गठन के एक साल पूरा होने और दिल्ली में नए कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर बताया कि स्वराज अभियान दिल्ली नगर निगम के उप चुनाव भी नहीं लड़ेगा। प्रयोग के तौर पर केवल एक वार्ड में एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करेगा। पंजाब विधानसभा चुनावों में उतरने का फैसला भी चुनाव की घोषणा के बाद ही किया जाएगा।
अभी स्वराज अभियान देश भर में संगठन को मजबूत करने में लगा हुआ है। यह जानकारी स्वराज अभियान के सस्ंथापक प्रो आनंद कुमार, योगेंद्र यादव और अजीत झा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी। प्रो आनंद कुमार ने दावा किया कि उनके आंदोलन की वजह से ही किसान आंदोलन सफल रहा है। सरकार भूमि अधिग्रहण बिल के मामले में झुकी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे लोगों को एक साल पहले तब झटका लगा, जब इंडिया अगेंस्ट करप्शन समाप्त हो गया और वह लड़ाई लड़ रहे लोगों में निराशा फैल गई। योगेंद्र यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वालों को एकजुट किया जाएगा। वे चुनावों में टिकटें बेचने वालों का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के उप चुनाव में वे एक प्रयोग कर रहे हैं। उस प्रयोग के क्या नतीजे निकलेंगें, उसके बाद ही राजनीति को लेकर नए फैसले किए जाएंगे।
मध्य दिल्ली के ईस्ट पटेल नगर में स्वराज अभियान ने अपना नया कार्यालय खोला है। इस मौके पर देश भर से स्वराज अभियान से जुड़े कार्यकर्ता आए हुए थे। कार्यकर्ताओं को काफी उम्मीद थी कि आज एक नई पार्टी के गठन की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन उन्हें अभियान की ओर से बताया गया कि देश के 117 जिलों में संगठन का गठन हो गया है। बोगस सदस्यता पर रोक लगाने के लिए अभियान ने न्यूनतम सदस्यता शुल्क 50 रुपये रखा है। यह प्रक्रिया 14 जुलाई तक पूरी हो जाएगी।15 जुलाई तक करीब 250 जिलो में संगठन का गठन हो जाएगा। अभी तक करीब 25 हजार लोग स्वराज अभियान के सदस्य बन चुके हैं। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी बनेगी। यह कमेटी राजनीतिक दल के गठन को लेकर अंतिम फैसला लेगी। संगठन में आंतरिक लोकपाल की भी व्यवस्था की गई है। न्यायविद कामिनी जायसवाल और पवन गुप्ता अभियान के पहले लोकपाल होंगे।