महोबा, उत्तर प्रदेश में महोबा के चरखारी में राजवंश के उत्तरधिकारियों के मध्य संपत्ति के बंटवारे को लेकर हुए खूनी संघर्ष के बाद महल में सुरक्षा के लिए पीएसी तैनात की गई है।
पुलिस उप अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि इस संघर्ष में गंभीर रूप से घायल बड़े युवराज को आवश्यक चिकित्सा मुहैया कराते हुए पुलिस सुरक्षा में लिया गया है। चरखारी रियासत के उत्तराधिकारी जय सिंह और जयराज सिंह के मध्य सम्पत्ति के बंटवारे को लेकर काफी समय से विवाद है। राजमाता उर्मिला सिंह द्वारा इस मामले में ठोस निर्णय नहीं लिए जाने के कारण जयराज सिंह परिवार के प्रति बागी तेवर अखित्यार किये है।
रावबाग स्थित राजमहल में गुरूवार रात दोनों पक्षों के बीच कहासुनी के बाद संघर्ष हुआ है जिसमे युवराज जय सिंह और उसकी छोटी बहन राजकुमारी जयंती सिंह तथा राजेश नामक एक सेवक गम्भीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना पाकर पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुँचकर हालात को काबू में किया। राजमहल में तनाव के मद्देनजर प्रशासन ने सतर्कता दिखाते हुए वहां आम जनता की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि मामले में जयराज सिंह ने राजमहल के सेवक राजेश को घटना के लिए जिम्मेवार बताते हुए उस पर नशे में धुत होकर उसकी पत्नी के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाया है। इस मामले में राजमाता उर्मिला सिंह सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने सेवक का पक्ष लेकर विवाद को तूल दिया। जयराज का यह भी आरोप है कि चरखारी में राजवंश की प्राचीन धरोहरों ड्योढ़ी दरवाजाएओल्ड पैलेस सहित विभिन्न भू सम्पतियों की राजमाता उर्मिला सिंह द्वारा बेचने का विरोध करने पर उसे निशाना बनाया जा रहा है और पूरा परिवार उसके खिलाफ हो गया है।
उधर मामले में राजमाता उर्मिला सिंह ने घटना के संदर्भ में छोटे पुत्र जयराज सिंह पर सुनियोजित तरीके से परिजनों पर हमला बोलने और परिवार में आतंक का माहौल बनाने का आरोप लगाया है। तत्कालीन राजा जयंत सिंह के निधन के बाद बड़े पुत्र जय सिंह को राजवंश का उत्तरधिकारी घोषित किया गया था। इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए जयराज ने बगावती रुख अपना लिया था।