नयी दिल्ली, जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के दलित छात्र मुथुकृष्णन की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज एफआईअार दर्ज कर ली। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज किए जाने के पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह के कहने पर केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मृत छात्र के परिजनों से मुलाकात की थी। जेएनयू के छात्र की मौत का मामला आज संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जोर शोर से उठाया। सदस्यों ने छात्र की मौत के मामले की व्यापक जांच की मांग की। शून्य काल के दौरान राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आखिर दलित छात्रों के साथ भेदभाव क्यों हो रहा है। कई सदस्यों ने उनकी इस बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मुथुकृष्णन ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र राेहित वेमुला की आत्महत्या के मामले को जोर शोर से उठाया था और उसने हाल ही में अपने फेसबुक पोस्ट पर यह भी लिखा था कि जेएनयू में दलित वर्ग के छात्रों को प्रवेश देने के मामले में भेदभाव किया जाता है।
सुश्री सीतारमण ने इसके जवाब में कहा कि यह एक संवदेनशीन मामला है। मैंने मुथुकृष्णन के परिजनों से मुलाकात की है। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहती हूं कि पुलिस को इस मामले में दोपहर 12 बजे तक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।मुथुकृष्णन का शव 13 मार्च को होली के दिन मुनिरका स्थित उसके दोस्त के अवास पर पंखे से लटका पाया गया था। उसके पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।