लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार पर्यावरण के महत्व से पूरी तरह से अवगत है। इसीलिए पर्यावरण के प्रति जन-जागरूकता पैदा करने के लिए कई अभिनव कदम उठाए गए हैं। आगामी विधान सभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में पर्यावरण को अलग एवं महत्वपूर्ण स्थान देते हुए इस पर आने वाले व्यय का भी उल्लेख किया जाएगा, जिससे उक्त धनराशि की व्यवस्था बजट के माध्यम से करके योजना को लागू किया जा सके।
एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों के अलावा तमाम ऐसे कार्य भी किए हैं, जो लीक से हटकर हैं। आने वाले समय में इनका समाज एवं पर्यावरण पर काफी असर दिखायी देगा। आगरा से इटावा तक करीब 190 कि0मी0 लम्बाई में बनाए जाने वाले साइकिल हाइवे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश साइकिल हाइवे बनाने वाला देश का पहला राज्य होगा। राज्य सरकार प्रदेश के कई नगरों में, सड़कों की चौड़ाई घटाए बिना साइकिल ट्रैक का निर्माण करा रही है। लखनऊ में ही अब तक लगभग 100 कि.मी. साइकिल टैक बन चुका है। इसके अलावा, 100 कि.मी. साइकिल टैक अभी और बनाया जाना है। इस प्रकार लखनऊ में कुल 200 कि.मी. साइकिल टैक बन जाने से विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों में साइकिल सवारी के प्रति क्रेज बढ़ेगा।
उन्होंने चम्बल क्षेत्र में कुछ माह पूर्व सम्पन्न बर्ड फेस्टिवल का उल्लेख भी किया, जिसमें भारत और 12 अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। उन्होंने कहा कि सारस पक्षी के संरक्षण के लिए भी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पर्यावरण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक दिन में 10 लाख पौधे वितरित करने का विश्व रिकाॅर्ड उत्तर प्रदेश सरकार के नाम है। इस वर्ष जुलाई में एक दिन में 05 करोड़ पौधे रोपित करने की योजना भी बनायी गयी है, जिसके लिए गड्ढे खोदे जा चुके हैं। इस कार्यक्रम पर लगभग 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कन्नौज में बन रहे इण्टरनेशनल परफ्यूम एवं परफ्यूम पार्क, प्रदेश के शहरों की खूबियों के हिसाब से विकसित की गईं समाजवादी सुगन्ध आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे कार्य पहली बार वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ही किए जा रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि पूरे विश्व में पर्यावरण के प्रति विशेष चेतना आयी है। विभिन्न देशों की सरकारें भी एक मंच पर आकर पर्यावरण की हिफाजत के लिए कार्यक्रम निर्धारित करने का काम कर रही हैं। ऐसी चेतना हमारे देश एवं समाज में भी दिखने लगी है। उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण एवं प्रकृति के बदलते स्वरूप को ध्यान में रखते हुए विभिन्न स्तरों पर कई इनोवेशन किए जा रहे हैं, लेकिन यह ध्यान देना होगा कि जो भी प्रोजेक्ट तैयार किए जाएं, वे सस्ते होने के साथ-साथ सरल भी हों। यादव ने गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दिशा में समाजवादी सरकार द्वारा काफी काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां को-जनरेशन नीति लाकर चीनी मिलों को बिजली पैदा करने की इजाजत दी गई। इसी प्रकार सौर ऊर्जा नीति के तहत 500 मेगावाॅट से अधिक सौर ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन पर भी काम किया जा रहा है। पवन एवं जल विद्युत उत्पादन की प्रदेश में कम सम्भावना को देखते हुए गोबर गैस के माध्यम से विद्युत उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए जा रहे लोहिया ग्रामीण आवास में सोलर पावर पैक की व्यवस्था के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में सोलर स्ट्रीट लाइटें स्थापित की जा रही हैं।
इसी प्रकार नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए काम किया जा रहा है। लखनऊ नगर में गोमती नदी में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए डाइफ्राॅम वाॅल के माध्यम से नालों का पानी डायवर्ट करने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी की यह जिम्मेदारी बनती है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए नदियों के प्रवाह को साफ-सुथरा रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में तेजी से परिवर्तन आ रहा है। रोजमर्रा के जीवन में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। लेकिन इसीके साथ हम अपनी परम्परागत अच्छी चीजों को भी भूल रहे हैं, जिससे पर्यावरण तेजी से प्रभावित हो रहा है। इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण, बरसात के पानी के संरक्षण एवं गैर-परम्परागत ऊर्जा पर ध्यान देना होगा। घरों में एकत्रित होने वाले कूड़ों के प्रति हर व्यक्ति में चेतना जाग्रत करनी होगी। साथ ही पूर्व से स्थापित टेनरियों को पानी शोधन की वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। सोलर पैनल और अधिक सस्ता एवं सर्वसुलभ करना होगा ताकि अधिक से अधिक लोग सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के मामले में मीडिया, जनता एवं सरकार को मिलकर काम करना होगा, तभी अच्छे परिणाम पाए जा सकते हैं।