लखनऊ, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने से कतराने के विरोधियों के आरोपों को नकारते हुये सोमवार को 159 उम्मीदवारों की फहरिस्त सार्वजनिक कर दी।
सपा की सूची से साफ है कि पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन में जाति और मजहब के समीकरणों काे पूरी तरह से साधने की कोशिश की है। सपा के उम्मीदवारों की सूची में कुल 30 मुस्लिम चेहरे शामिल किये गये हैं। इनके अलावा आठ महिला उम्मीदवारों को भी सपा की सूची में जगह मिली है।
टिकट बंटवारे को लेकर अगर दूसरे दलों की बात करें तो मुस्लिम चेहरों पर दांव लगाने के मामले में बसपा ने फिलहाल सपा को पीछे रखा है। बसपा अब तक पहले तीन चरण के मतदान वाली 111 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। इनमें से बसपा ने 40 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने अब तक घोषित 166 उम्मीदवारों में 28 मुसलमान चुनाव मैदान में उतारे हैं। भाजपा गठबंधन की ओर से एक मात्र मुस्लिम उम्मीदवार अपना दल (एस) ने रामुपर की स्वार सीट से उतारा है।
रोचक बात यह भी है कि तीनों दलों के अधिकांश मुस्लिम उम्मीदवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल सीटों पर ताल ठोंक रहे हैं। इनमें रामपुर शहर और स्वार सीट पर आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। जबकि इन दाेनों बाप बेटे को रामपुर के नवाब खानदान के नवेद मियां और उनके बेटे हमजा मिया चुनौती दे रहे हैं।
महिला उम्मीदवारों के मामले में कांग्रेस, चुनावी दंगल के बाकी तीन दिग्गजों भाजपा, सपा और बसपा से बहुत आगे है। कांग्रेस पहले ही 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की बात घोषित कर चुकी थी और पार्टी ने इसका पालन भी किया। वहीं सपा ने अब आठ तो बसपा ने सात महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा के अब तक घोषित 192 उम्मीदवारों में 25 महिलायें शामिल हैं।