लखनऊ, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज उलमा-ए-करामके एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर सेक्युलर वोट के बंटवारे की साजिशों के प्रति मुस्लिम मतदाताओं को सावधान किया है।
उलमा-ए-कराम ने अखिलेश यादव को मुसलमानों की शैक्षिक एवं सामाजिक उन्नति संबंधी ज्यादातर मांगो को पूरी किए जाने के लिए शुक्रिया अदा किया और आशा जताई कि उनकी अगुवाई में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में सपा सरकार बनेगी।
उलमा-ए-कराम ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में सपा सरकार ने मुसलमानों के हित में तमाम फैसले लिए हैं और उनकी रोजी.रोटी तथा सम्मान औैर सुरक्षा के विशेष कदम उठाए हैं। मुस्लिमों के हित में योजनाएं लागू की गई है। लोकतंत्र में सभी को अपनी पसंद का वोट देने का हक है लेकिन कुछ लोग धर्म के आधार पर वोट की अपील करने लगते हैं। ये वही लोग है जो अपनी सुविधा के अनुसार विभिन्न पार्टियों के पक्ष में अपीलें जारी कर रहे है । उनकी ये अपीलें सेक्युलर वोट बांटने का नाकाम प्रयास हैं। सेक्यूलर वोटो का विभाजन नही होना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुसलमानों के विकास के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए । उनमें 150 मदरसों को वर्तमान में अनुदान सूची पर लिया गया। उर्दू को रोजी रोटी से जोड़ने का अपना वायदा पूरा करते हुए 12 हजार उर्दू शिक्षकों को सरकारी नौकरियां दी। इनता ही नहीं यूनानी डाक्टर्स को मार्डेन मेडिसिन प्रयोग करने का कानूनी अधिकार दियाए जिसमें कि 90 प्रतिशत मुस्लिम डाक्टर्स हैं।
समाजवादी सरकार ने अल्पसंख्यक विभाग के बजट में कई गुना वृद्धि की। मुस्लिम कब्रिस्तानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए 18 हजार कब्रिस्तानों की बाउण्ड्री वाल 13 सौ करोड़ की लागत से बनवाया गया। हाजियों की सहूलियत के लिए पिछली सरकार में लखनऊ में और इस बार गाजियाबाद में खूबसूरत हज हाउस बनाया गया।
अखिलेश सरकार ने 11 लाख 52 हजार मुस्लिम महिलाओं को समाजवादी पेंशन लेने का काम किया। शहरों में नए इलाकों के साथ.साथ गलियां भी बडे पैमाने पर बनवायी गयीं। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर सरकारी छुट्टी की घोषणा की गयी। आजादी के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर दंगा पीडितों को मुआवजा दिया गया। आजादी के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मुसलमानों को मंत्री व प्रदेश मंत्री और विभिन्न विभागों का चेयरमैन बनाया गया।
उलमा-ए-कराम ने मुस्लिमों के हित में समाजवादी सरकार द्वारा लिए गए उक्त निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सराहना की और उम्मीद जताई है कि नई सरकार के गठन होने पर मुस्लिमों के हित में और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
प्रतिनिधि मंडल में मौलाना डा सइदुर्रहमान साहब आजमी नदवीए प्रधानाचार्य दारूल उलूम नदवतुल उलमाए लखनऊ इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फंरगी महलीए मौलाना शाह फख्रूद्दीन अशरफ कछौछवीए कछौछा शरीफ, मौलाना अब्दुल्लाह इब्नुल कमर देवबंद, शेख राशिद अली मीनाई सज्जादा नशीन दरगाह शाह मीना शाहए मौलाना इकबाल कादिरी, मौलाना इदरीस बस्तवी दारूल उलूम नदवतुल उलमाए मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकीए प्रधानाचार्य दारूल उलूम फरंगी महलए शाह अनवर रहमान जिलानी सफवी सज्जादा नसीन आसीवनए शाह नजमुल हसन उर्फ शुएब मियां सज्जादा नशीन खैराबादए मुफ्ती अबुल वातिन नोमानी इमाम ज्ञानवापी मस्जिद, वाराणसी, मौलाना हारून नदवी, मौलाना अब्दुल्लाह नदवी, शकील खान तथा मो0 यामीन शामिल थे।