नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वह केरल के सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की तारीख पर मंगलवार को निर्णय करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस.के. कौल की पीठ ने वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा की इस दलील पर विचार किया कि संवैधानिक पीठ के फैसले पर फिर से विचार की मांग कर रही उनकी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
पीठ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि 19 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं। हम कल तक फैसला करेंगे। नेदुम्परा राष्ट्रीय अयप्पा श्रद्धालु संगठन की ओर से दाखिल याचिका पर वकील के तौर पर पेश हुए और मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने 4:1 के अनुपात से फैसला सुनाया था कि सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए।
बीते नौ अक्टूबर को न्यायालय ने नेदुम्परा की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा था कि दशहरा के अवकाश के बाद ही पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई हो सकती है और यह सुनवाई खुली अदालत में न होकर कक्ष में होगी। राष्ट्रीय अयप्पा श्रद्धालु संगठन के अलावा नायर सेवा समाज (एनएसएस) ने भी याचिका दायर कर शीर्ष अदालत के 28 सितंबर के फैसले पर फिर से विचार की मांग की है।