लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि समाज और राष्ट्र के विकास में शिक्षा से बढ़कर दूसरा कोई माध्यम नहीं है। विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए जो उन्हें समाज एवं जीवन के महत्वपूर्ण सन्दर्भ से जोड़ सके।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने गुरुवार काे यहां शिया पीजी कालेज में कला संकाय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शिया महाविद्यालय 105 वर्ष पुराना है और उस समय शिक्षण संस्थानों को स्थापित करना एक बड़ी बात थी। इस भवन में 16 कमरें है और इनमें 1500 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययन कर सकेंगे।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि महाविद्यालय ने अपने पहले ही प्रयास में नैक मूल्यांकन में ‘ए’ ग्रेड प्राप्त किया है जो यह गुणवत्तापरक शिक्षा का परिचायक है। उन्होंने जोर दिया कि महाविद्यालय को आगामी नैक मूल्यांकन में ‘ए प्लस प्लस’ ग्रेड प्राप्त करने के लिए अभी से ही कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
राज्यपाल ने बालिकाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि पहले उनकी शिक्षा के बारे में कोई सोचता ही नहीं था लेकिन आज समाज में बेटियों के प्रति लोगों का नजरिया बदला है और बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बेटे-बेटियों को अवश्य स्कूल भेंजे। हमें यह याद रखना चाहिए कि जब हम एक बेटी को पढ़ाते हैं तब हमारी सात पीढ़ियां शिक्षित हो जाती हैं।
राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में केजी से पीजी तक के सभी विद्यार्थियों के लिए रूचिपूर्ण शिक्षा की बेहतर व्यवस्था है। इसलिए हमें बच्चे की प्रतिभा को ध्यान में रखकर उनको उसी दिशा में अग्रसर होने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कार्यक्रम में श्रीमती पटेल ने स्मारिका का विमोचन तथा पौधारोपण भी किया।
इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक राय ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सर्वाधिक प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में से शिया महाविद्यालय है। उन्होंने कहा कि इस समय आजादी के अमृतकाल के साथ-साथ शिक्षा का भी स्वर्णकाल चल रहा है। कुलाधिपति के नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन से प्रदेश के कई विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में उत्कृष्ट ग्रेड प्राप्त किये। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने में भी उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य बन गया है।