उत्तर प्रदेश मंे सत्तारुढ समाजवादी पार्टी ने राज्यपाल राम नाईक पर उसकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए केन्द्र से उन्हे तत्काल हटाने की मांग की है। पार्टी महासचिव और राज्यसभा सदस्य प्राफेसर राम गोपाल यादव ने आज लखनऊ मंे बुलाये संवाददाता सम्मेलन मंे कहा कि राम नाईक ऐसे बयान दे रहे है जैसे वह राज्यपाल के बजाय केन्द्रीय गृहमंत्री है। उनके बयानांे से लगता है कि वह राज्य सरकार को अस्थिर करने की फिराक मंे है।
राम गोपाल यादव ने केन्द्र सरकार से उन्हे तत्काल हटाकर मंत्री बनाने की मांग की ,ताकि वह घूम घूम कर बयान दे सकंे। सपा महासचिव ने कहा कि राम नाईक मुख्यमंत्री के साथ बातचीत को भी सार्वजनिक कर देते हंै जबकि संवैध्ाानिक पद होने के नाते दोनो के बीच होने वाली बाते गोपनीय रहनी चाहिए।
पार्टी महासचिव का कहना था कि प्रतिमाओं के विर्सजन मंे कुछ स्थानांे पर हुए बवाल को सरकार ने सख्ती से नियंत्रित कर लिया तो राज्यपाल को कानून व्यवस्था गडबड लगने लगी। राज्यपाल को कुछ गडबड लगा तो उन्हंे मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए न कि सार्वजनिक रुप से बयान देना चाहिए।
सपा नेता ने कहा कि राज्यपाल को साम्प्रदायिक जहर घोल रहे साम्प्रदायिक संगठनांे के कार्यक्रमांे मंे नहीं जाना चाहिए। उनका आचरण राज्यपाल के वजाय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक जैसा है। उन्हांेने कहा कि कुछ लोग साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण मंे लगे हंै। यदि ऐसा नही होता तो कानपुर मंे केवल पोस्टर फाडे जाने से हिंसा न फैलती। सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। इस साजिश से सख्ती से निपटा जायेगा।