मुंबई, शिवसेना ने आज कहा है कि नागपुर से मुंबई के बीच समृद्धि गलियारे के नाम से प्रस्तावित एक्सप्रेस वे के लिए यदि सरकार किसानों की सिंचाई योग्य भूमि दबावपूर्वक लेगी तो इससे किसान आत्महत्या की घटनाएं बढ़ेंगी। पार्टी के मुखपत्र सामना के आज के संपादकीय में लिखा गया, इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया जा रहा है जिससे कानून-व्यवस्था की परेशानी खड़ी हो रही है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की पिटाई की जा रही है और उन्हें धमकी दी जा रही है कि यदि वह सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न करेंगे तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा। इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने चेहरे पर हर समय मुस्कान का मुखौटा चढ़ाए रहते हैं लेकिन जब उन्होंने किसानों की समस्याओं की अवहेलना की तो उनका असली चेहरा सामने आ गया।
इसमें कहा गया, परियोजना के खिलाफ हजारों किसानों ने विद्रोह किया। वे अपनी मां को बेचना नहीं चाहते, फिर भी अगर आप इसके लिए उन पर दबाव बनाते हैं तो आपकी नीयत ही खराब है। जो लोग हमारे सैनिकों के साथ हुई बर्बरता का बदला नहीं ले सकते उन्हें किसानों को भी परेशान नहीं करना चाहिए।
संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि किसान पहले से आत्महत्या कर रहे हैं और इस परियोजना के कारण यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा। इसमें पूछा गया, क्या सरकार का इरादा किसान आत्महत्या के मामले में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का है।
शिवसेना ने कहा कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे बाल ठाकरे की महत्वाकांक्षी परियोजना थी जिसे भाजपा नेता नितिन गडकरी ने आगे बढ़ाया लेकिन तब पनवेल से पुणे तक किसानों ने परियोजना के खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं किया था।