गंगटोक, केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा ने खेलों में बाजी लगाने और जुआ को वैध करने के लिए आवाज उठाई है। उनका कहना है कि इसमें राजस्व पैदा करने की बहुत संभावना है और लोगों के बीच लोकप्रिय है।
उन्होंने इसके लिए उचित नियम बनाने पर जोर दिया जिसे उन्होंने जवाबदेह जुआ कहा। सिक्किम की राजधानी में सीबीआई के पूर्व निदेशक ने कहा, खेल में सट्टा और जुआ का धंधा प्रतिबंध के बावजूद चल रहा है। इसके साथ एक कलंक जुड़ा है लेकिन सरकार के रडार पर बहुत अधिक नहीं दिखता। सरकार को इसे वैध कर देना चाहिए।
अच्छे नियंत्रित ढंग और जिम्मेदारी से जुआ खेलने देने को हम जारी रख सकते हैं जैसे यह सिक्किम में है और यह राज्य में राजस्व और नियोजन बढ़ाने में मदद करता है। सिन्हा पूर्वोत्तर के इस राज्य में शनिवार की शाम ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) द्वारा आयोजित जुआ से जुड़े एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। सिक्किम को भारत का लॉस वेगास कहा जाता है। यहां जुआ घरों की इजाजत है। सिन्हा ने कहा कि सिक्किम मॉडल का इस्तेमाल अन्य राज्य भी अपना सकते हैं। सिक्किम पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इस जुआ और सट्टा उद्योग में राजस्व पैदा करने की बहुत अधिक संभावना है। इसे गोवा और सिक्किम में देखा जा सकता है। इस कार्यक्रम में फेडरेशन ऑफ इंडियन चौंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्री (फिक्की) के प्रतिनिधि राजपाल सिंह ने कहा कि हमें वास्तविकता से मुंह नहीं चुराना चाहिए। अवैध ढंग से सट्टा पहले से ही चल रहा है। इसलिए बेहतर है कि इसे वैध कर दें लेकिन इस उद्योग पर कड़ी नजर रखना सुनिश्चित हो। यदि इसे सही ढंग से नियंत्रित किया गया तो राज्य के लिए बहुत अधिक राजस्व जुटा सकते हैं। एआईजीएफ का गठन इसी वर्ष जून में हुआ है। यह संस्था सट्टा और जुआ को वैध कराने का प्रयास कर रही है।