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सरकारों की जिम्मेदारी है कि किसान खुदकुशी न करें- सुप्रीम कोर्ट

 

नई दिल्ली,  तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या के मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये सरकारों की जिम्मेदारी है कि देश में कोई किसान खुदकुशी न करे। कृषि संकट से निपटने के लिए सरकारों का पूरक रवैया होना चाहिए न कि निवारक। वित्तीय संस्थानों को किसानों की फसल चौपट होने पर उनसे लोन की रिकवरी करते समय कड़ाई से पेश नहीं आना चाहिए। वित्तीय संस्थाएं बिचौलियों की मदद नहीं लें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि लोन के डिफाल्ट होने की स्थिति में कड़ाई करने पर क्या गरीब किसानों को सरकार के पास जाने का मेकानिज्म बन सकता है।

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 सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को एमिकस क्युरी द्वारा दिए गए सुझावों पर जवाब देने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान किसानों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से फसल बीमा योजना के बारे में कहा कि हम बीमा के बिजनेस को नहीं जानते हैं। आपकी नीतियां कॉमन सेंस और बुद्धिमानी पर आधारित होनी चाहिए न कि प्रीमियम पर। तमिलनाडु के किसानों की तरफ से कहा गया कि किसान तब आत्महत्या करते हैं जब बैंकों के कड़े कदम की वजह से उनकी गरिमा को ठेस पहुंचती है।

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 पिछले तीन मई को राज्य सरकार को सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए उठाये जा रहे कदमों के बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। पिछले 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि राज्य में एक भी किसान ने खुदकुशी नहीं की है। जिन किसानों ने खुदकुशी की है उसके पीछे उनके व्यक्तिगत कारण थे। किसानों ने सरकार के इस जवाब पर आपत्ति जताते हुए कहा कि खुदकुशी के पीछे कर्ज और सूखा ही वे कारण थे जिसकी वजह से किसानों ने ऐसा कदम उठाया।

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 इसके पहले 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों द्वारा खुदकुशी के मामले में संघर्षरत किसानों को अर्जी दायर करने की अनुमति दे दी थी। 13 अप्रैल को किसानों की खुदकुशी के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की जमकर खिंचाई की थी। कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से कहा था कि इस याचिका को अन्य याचिकाओं की तरह नहीं लें। इसे ज्यादा तवज्जो दें। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार ऐसे मामले पर चुप नहीं रह सकती। कोर्ट ने कहा कि ये राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वो अपने नागरिकों का ख्याल रखे। किसानों की स्थिति चिन्ताजनक है।

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