एक दलित सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपकी तरह मैंने भी अपमान सहा है, सामंतशाही मानसिकता आज भी दिखती है. उन्होंने कहा कि दलितों ने हर अपमान झेला है. दलितों को लोन लेने के लिए लोहे के चने चबाने पड़ते हैं. प्रधानमंत्री ने यह बात दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सम्मेलन में कही.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि अपमान क्या होता है, आज भी जब एक खास तबके लोग घोड़े पर चढ़ते हैं तो लोगों की त्यौरियां चढ़ जाती हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कमरा ऐसे लोगों से भरा हुआ है जो सरकार की कमाई में योगदान देते हैं और रोजगार के मौके उपलब्ध करवाते हैं। दलित मुसीबतों का सामना कर आगे आए हैं। दलितों ने हर अपमान झेला है। उन्होंने कहा कि मुझे दुख होता है जब एक दलित को लोन लेने के लिए तमाम तकलीफों से गुजरना पड़ता है। हमें ऐसे हालात बदलने हैं। बाबा साहेब अम्बेडकर आज अगर होते तो दलित कारोबारियों की तरक्की देखकर खुश होते। हम सब जानते हैं कि बाबा साहेब का हमारे संविधान के बारे में क्या योगदान था लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि वह बहुत बड़े अर्थशास्त्री भी थे। हमारा लक्ष्य है कि वित्तीय विकास में सबको समाहित किया जाए। हमें नौकरी तलाश करने वाले नहीं चाहिए, नौकरी देने वाले चाहिए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (DICCI) में एक सम्मेलन के दौरान कहा कि यहां मौजूद लोग वे लोग हैं जिन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना भाषण खत्म कर सारे नियम और प्रोटोकॉल तोड़कर मंच से उतरकर लोगों के बीच आ गए और फोटो खिंचवाने लगे. सम्मेलन में आए लोगों ने पीएम का यह दोस्ताना व्यवहार देख उनके साथ खूब सेल्फी ली.