भारत के अलावा उत्तरी अमेरिका, पश्चिम एशिया, रूस और ऑस्ट्रेलिया में भी यह ग्रहण देखा गया। इस घटना में सुपरमून और ब्लू मून के साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण भी देखा गया। आज का चंद्रग्रहण 100 से भी अधिक वर्षों के बाद पड़ा और यह इस साल का पहला चंद्रग्रहण था। तीन घंटे 24 मिनट की अवधि वाले चंद्रगहण के दौरान चंद्रमा का तीन विविध रंगो में नजर आना इसकी प्रमुख विशेषता रही।
वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा के सुर्ख लाल हो जाने की प्रक्रिया को ही ब्लड मून नाम दिया गया। उनका कहना है कि जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच सीधे गुजरती है और इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के घेरे में आ जाने से कुछ ऐसा ही दिखता है जैसे इसे किसी छतरी से ढक दिया गया हो। ऐसे समय हालांकि सूर्य की हल्की रोशनी का प्रतिबिम्ब चंद्रमा पर पड़ता हैए जिसके कारण यह लाल रंग का नजर आता है।