सिंगापुर , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यहां चाइनाटाउन स्थित हिन्दू और बौद्ध मंदिरों के साथ ही एक मस्जिद भी पहुंचे। इस तरह उन्होंने भारत और सिंगापुर के लोगों के बीच लंबे समय से चले आ रहे आपसी संपर्क को प्रदर्शित किया। सिंगापुर के तीन दिवसीय दौरे पर यहां आए मोदी श्री मरिअम्मां मंदिर पहुंचे और वहां पूजा-अर्चना में शामिल हुए। यह मंदिर देश का प्राचीनतम हिन्दू मंदिर है। मंदिर के पुजारी ने मोदी को सुनहरे रंग की शॉल भेंट की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया , “ हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासतों को और मजबूत बनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी यहां मरिअम्मां मंदिर गए। वहीं, मोदी ने ट्वीट कर कहा , “ सिंगापुर के खूबसूरत मरिअम्मां मंदिर में प्रार्थना कर धन्य हूं। यह मंदिर भारत और सिंगापुर के बीच जीवंत सांस्कृतिक संबंधों को दिखाता है। ”
इस मंदिर की स्थापना 1827 में दक्षिण भारत के नागपट्टनम और कुड्डालूर जिलों के आव्रजकों ने की थी। मंदिर देवी मरिअम्मां को समर्पित है।
इसके अलावा वह चूलिया मस्जिद भी गए जो भारत के कोरोमंडल तट के चूलिया मुस्लिम व्यापारियों द्वारा अंसार साहिब के नेतृत्व में 1826 में निर्मित की गई थी। मस्जिद में मोदी को हरे रंग की शॉल भेंट की गई। मस्जिद के बाद मोदी बुद्ध टूथ रेलिक टेंपल एवं म्यूजियम गए। इस मंदिर का निर्माण 2007 में हुआ था लेकिन इसके भीतरी भाग में किया गया विशेष प्रकार का डिजाइन सैकड़ों साल पुरानी बौद्ध कला और इतिहास की कहानी बयां करता है।
कुमार ने ट्वीट किया , “ प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के संस्कृति मंत्री ग्रेस फु हे येन के साथ बौद्ध संपदा को साझा किया तथा बुद्ध टूथ रेलिक टेंपल और म्यूजियम पहुंचे। मोदी ने सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग और इंडियन हेरिटेज सेंटर द्वारा स्थापित एक स्थायी मंच ‘ कला संगम ’ का भी उद्घाटन किया। इस मंच का मकसद भारतीय कलाकारों को सिंगापुर लाना है, ताकि वे अपनी कला को प्रदर्शित कर सकें , अपने उत्पाद यहां बना और बेच सकें।