सिंहस्थ 2016 में गुरु और राहु के कारण बनेगा गुरु चाण्डाल योग


इसलिए कहते हैं सिंहस्थ
गुरु के सिंह राशि में होने पर यह आयोजन होता है, इसलिए इसे सिंहस्थ कहते हैं। उज्जैन में जब सिहंस्थ का मेला लगेगा, तब गुरु चण्डाल योग रहेगा। उस समय सिंह राशि में गुरु के साथ राहु भी रहेगा, इस कारण गुरु चाण्डाल योग बनेगा। सूर्य एवं शुक्र उच्च राशि में रहेंगे। मंगल स्वयं की राशि वृश्चिक में रहेगा। मंगल के साथ उसका शत्रु शनि भी वृश्चिक राशि में ही रहेगा।
1980 में भी बना था ऐसा योग
8 जनवरी 2016 को राहु सिंह राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद गुरु और राहु सिंह राशि में रहेंगे। राहु एवं केतु एक राशि में 18 माह तक रहते हैं। इसलिए राहु 8 जुलाई 2017 को राशि बदलकर कर्क में जाएगा। इस संबंध में पंचांग भेद भी हो सकते हैं। 1980 में गुरु के साथ राहु की युति सिंह राशि में बनी थी और उस समय भी सिंहस्थ का आयोजन हुआ था। तब सिंह राशि में गुरू के साथ शनि एवं मंगल भी थे।
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