लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के सुनियोजित नगर विकास के लिए किए जा रहे कार्यों को तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों सहित अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नगरीय अवस्थापना को सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने सभी परियोजनाओं को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में कराए जा रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अयोध्या नगर निगम में सीवरेज ट्रीटमेन्ट फैसिलिटी, सीवर लाइन तथा सीवर हाउस कनेक्शन की वर्तमान में उपलब्ध सुविधाओं तथा आवश्यकता के अन्तर को पूर्ण करने के लिए डीपीआर दो चरणों में प्रस्तुत किये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 150 किलोमीटर सीवर लाइन तथा 20 हजार घरों के लिए सीवर कनेक्शन के लिए प्रस्ताव किया गया है। इसकी अनुमानित लागत 280 करोड़ रुपये है। द्वितीय चरण में सीवरेज ट्रीटमेन्ट सुविधा, 191.48 किलोमीटर सीवर लाइन तथा 20,316 घरों के लिए सीवर कनेक्शन का प्रस्ताव है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 320 करोड़ रुपये है।
सरयू नदी में गिरने वाले नालों में से 3.5 एमएलडी के पांच नालों की टैपिंग की जा चुकी है और 15 नालों की टैपिंग के लिए नमामि गंगे परियोजना के तहत एनएमसीजी द्वारा 221.66 करोड़ रुपये की डीपीआर स्वीकृत की गयी है। नगर निगम में सभी घरों तक वाॅटर सप्लाई कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 105 करोड़ रुपये की धनराशि से लगभग 20,000 घरों को वाॅटर कनेक्शन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि नगर निगम अयोध्या में अमृत योजना के तहत 07 पार्काें का विकास कराया जा रहा है। इनमें से 05 पार्कोँ का विकास कार्य पूर्ण हो गया है। राजद्वार पार्क 80 प्रतिशत तथा अश्वनीपुरम काॅलोनी पार्क का 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम सहित 03 अन्य निकायों को 10.052 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करायी गयी है। यह भूमि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु उपयुक्त पायी गयी है। इसमें लैण्ड फिलसाइट एवं प्लाण्ट स्थापित किया जा सकता है।