सीएम योगी भी चले मुलायम सिंह की राह पर, 31 मार्च से यूपी मे होगा ये बड़ा परिवर्तन
February 9, 2018
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विचारधारा मे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के विपरीत हैं, लेकिन एक मामले मे वह बिल्कुल मुलायम सिंह यादव के नक्शे कदम पर चलने जा रहें हैँ। यह है दोनों राजनेताओं का हिंदी भाषा के प्रति प्रेम।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 31 मार्च से यूपी मे सभी काम हिंदी में कराने का फैसला किया गया है। राज्य के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने आज वाराणसी मे केंद्रीय राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित उत्तरी क्षेत्र एक एवं दो राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में यह जानकारी दी।
राजीव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आम जनता को आसानी से समझ में आने वाली हिंदी भाषा में कामकाज पर लगातार जोर देने के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारियां जोरशोर से की जा रही हैं। ई.हिन्दी को बढ़ा देने के लिए कंप्यूटर एवं इंटरनेट के प्रयोग में आने वाले कार्यालयों के सॉफ्टवेयरों को भी हिंदी भाषा के अनुरुप करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर प्रयास किये जाएंगे। सम्मेलन में आये नौ राज्यों के केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से भी हिंदी को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चालने की अपील की।
मुख्य सचिव ने फिल्मों को भाषा के विकास का बेहतरीन माध्यम बताते हुए कहा हिंदी भाषा के विकास में फिल्मों के योगदान को हमें स्वीकार करना चाहिए और अपने अभियान में इस बात का ध्यान रखना चाहिए। समारोह में राज्यपाल रामनाईक मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।
ठीक इसी तरह, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव का कहना है कि जिन देशों में मातृभाषा में काम होता है, वे हमसे कहीं अधिक विकसित व समृद्ध हैं। सन 1989 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद सबसे पहले मुलायम सिंह ने लोकसेवा आयोग में अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त करते हुए हिंदी को बढ़ावा दिया था। मुलायम सिंह के अनुसार, संसद में सांसदों के अंग्रेजी बोलने पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। हिंदी के प्रोत्साहन के लिए ऐसा करना जरूरी है।