नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने भारत में जीवन और कारोबार में सुगमता के लिए हजारों की संख्या में नियम-कायदे खत्म किए हैं, जो समय के साथ पुराने पड़ गए थे, पर आश्चर्य है कि उनकी सरकार से पहले किसी ने इसकी चिंता नहीं की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां भारत मंडपम में एक टीवी समाचार चैलन के परिचर्चा सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा,
“ हमारा मकसद है… देश के लोगों को जीवन जीने में आसानी दो, कारोबार करने की आसानी दो, उड़ने के लिए खुला आसमान दो। ”
प्रधानमंत्री ने कहा, “ एक दशक के भीतर, हमने लगभग 1,500 ऐसे कानूनों को समाप्त कर दिया, जो अपनी प्रासंगिकता खो चुके थे, जिनमें से कई ब्रिटिश काल के थे। ”
इस संबंध में उन्होंने बांस काटने से जुड़े कानून और आयकर विवरण प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को आसान बनाने का विशेष रूप से उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “ बांस पूर्वोत्तर में आदिवासी समुदायों के जीवन का एक अभिन्न अंग है। पहले, बांस काटने पर लोगों को जेल हो जाती थी, क्योंकि इसे पेड़ माना जाता था और इस पर पेड़ से संबंधित कानून लागू होते थे। हमने औपनिवेशिक काल के ऐसे कानूनों को समाप्त कर दिया। अब, आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने जैसी प्रक्रिया भी मिनटों में पूरी हो जाती है और कुछ ही दिनों में रिफंड जारी हो जाता है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “ उनकी सरकार ‘छोटे तंत्र से बड़े काम के मंत्र’ पर काम करती है ताकि शासन-प्रशासन में कुशलता हो। आज भारत बहुत बड़े टारगेट्स रख पा रहा है, उनको अचीव कर रहा है… तो इसके मूल में एक खास मंत्र है। यह मंत्र है-मिनिमम गवर्नमेंट , मैक्जिमम गवर्नेंस ( न्यूनतम तंत्र, अधिकतम शासन-व्यवस्था)। यह कुशल और प्रभावी शासन व्यवस्था का मंत्र है। बीते एक दशक में हमने करीब 1,500 ऐसे कानूनों को खत्म किया है, जो अपना महत्व खो चुके थे। इनमें से बहुत सारे कानून अंग्रेजी शासन के दौरान बने थे। ”
प्रधानमंत्री ने कहा, “ मुझे उस समय की (पहले की) सरकार और नेताओं से कुछ कहना नहीं है, लेकिन मुझे ज्यादा तो इस लुटियन जमात पर आश्चर्य हो रहा है, ये खान मार्केट गैंग पर आश्चर्य हो रहा है। ये लोग 75 साल तक ऐसे कानून पर चुप क्यों थे। ये हमारी सरकार है, जिसने गुलामी के कालखंड के कानून को खत्म किया। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत पर आज पूरी दुनिया की नजर है। दुनिया भर के लोग भारत आना चाहते हैं, भारत को जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “ आज भारत, दुनिया का वह देश है, जहां लगातार उत्साहजनक समाचार बन रहे हैं। ये समाचार गढ़ने नहीं पड़ रहे हैं। जहां हर रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, कुछ न कुछ नया हो रहा है। ”
उन्होंने हाल में आयोजित प्रयागराज महाकुंभ का उल्लेख किया जो 26 फरवरी को ही संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे एक अस्थाई शहर में, नदी तट के किनारे करोड़ों लोगों ने स्नान किया।
आज दुनिया, भारत की आयोजन और आविष्कार की कला को देख रही है। हम सेमीकंडक्टर से लेकर विमान वाहक पोत तक… यहीं पर विनिर्माण कर रहे हैं। दुनिया, भारत की इसी सफलता को विस्तार से जानना चाहती है।
कुछ महीने पहले ही, भारत ने दुनिया के सबसे बड़े चुनाव कराए हैं। साठ साल बाद ऐसा हुआ, जब भारत में कोई सरकार लगातार तीसरी बार वापस लौटी है। इस जन-विश्वास का आधार पिछले 11 साल में भारत की अनेक उपलब्धियां हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “ दशकों से दुनिया भारत को अपना “बैक ऑफिस” मानती आई है। अब भारत दुनिया की नयी फैक्ट्री बन रहा है। हम अब सिर्फ एक कार्यबल नहीं रह गए हैं, बल्कि विश्व शक्ति बन गए हैं” उन्होंने कहा कि पहले भारत जो सामान आयात करता था, वे सामान अब देश में ही बन रहे हैं और देश उन उत्पादों के निर्यात केंद्र के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के किसानों का माल भी अब विदेशी बाजारों में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, “ पहले स्थानीय बाजारों तक सीमित रहने वाले किसान अब अपनी फसलों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचते देख रहे हैं। पुलवामा के फ्रोजन मटर, महाराष्ट्र के पुरंदर के अंजीर और कश्मीर के क्रिकेट बैट जैसे उत्पादों की दुनिया भर में मांग है। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को शून्य की अवधारणा का ज्ञान देने वाला भारत आज अनवरत नवाचार की धरती बन रहा है। भारत का युवा हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने बच्चों को किताबों से आगे बढ़कर सोचने का अवसर दिया है। मिडिल स्कूल से ही बच्चे कोडिंग सीखकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डेटा साइंस के फील्ड के लिए तैयार हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर आयोजकों द्वारा इस अवसर पर शुरू किए गए नए वैश्विक टीवी चैनल के प्रति शुभकामना व्यक्त की । उन्होंने कहा, “ मुझे विश्वास है कि आपका नया चैनल भारत की असली कहानी दुनिया तक पहुंचाएगा। बिना कोई रंग दिए आपका वैश्विक चैनल, भारत की वैसी ही तस्वीर दिखाएगा, जैसा वह है। हमें मेकअप की जरूरत नहीं है। ”
प्रधानमंत्री ने कहा, “ भारत का परचम हर वैश्विक मंच पर लहराए… यही हमारी आकांक्षा, यही हमारी दिशा है। ये छोटा सोचने और छोटे कदम लेने का समय ही नहीं है। मुझे खुशी है कि एक मीडिया संस्थान के रूप में आपने भी इस भावना को समझा है। ”