नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए आयकर विभाग को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडीस के आयकर का नए सिरे से मूल्यांकन जारी रखने का आदेश दिया. हालांकि, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी, 2019 को सुनवाई की अगली तारीख तक दोबारा असेसमेंट करने पर रोक लगाई है।
सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने इनकम टैक्स नोटिस खारिज करने की सोनिया और राहुल गांधी की याचिका पर कोर्ट की सुनवाई करने तक अंतरिम राहत की मांग की। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में अंतरिम कार्रवाई करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर रोक लगाने के कोर्ट के कदम का विरोध किया। उनका कहना था, ‘कोर्ट को यह आभास नहीं देना चाहिए कि वह एक शुरुआती नजरिया बना रहा है।’ हालांकि, बेंच ने अंतरिम आदेश पारित कर अगली सुनवाई तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कोई कदम उठाने से रोक दिया।
यंग इंडिया में खरीदे गए शेयर्स से मिली कथित इनकम के लिए सोनिया और राहुल गांधी को 2011-12 के उनके टैक्स असेसमेंट के संबंध में नोटिस दिया गया था। यंग इंडिया ने नैशनल हेरल्ड को चलाने वाली कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स का अधिग्रहण किया था। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से दिए गए नोटिस को रद्द करने की सोनिया और राहुल गांधी की याचिका 10 सितंबर को खारिज कर दी थी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने यह तथ्य छिपाया था कि वह 2010 से यंग इंडिया में एक डायरेक्टर थे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने राहुल को 154 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस दिया है और यंग इंडिया से 249.15 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा है।
हाई कोर्ट का कहना था कि दोबारा असेसमेंट के ऐसे नोटिस जारी करना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अधिकार है। इसके खिलाफ सोनिया और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडिस ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सोनिया और राहुल गांधी ने पिछली सुनवाई में सीनियर ऐडवोकेट पी चिदंबरम के जरिए दावा किया था कि पार्टी नेताओं के पास मौजूद हिस्सेदारी को उनकी आमदनी के तौर पर नहीं माना जा सकता। उनका कहना था कि ये शेयर्स सेक्शन 25 के तहत एक कंपनी में हैं और इनसे कभी भी इनकम नहीं मिलती।