नई दिल्ली, एयरसेल-मैक्सिस डील का मामला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देकर मारन बंधुओं को बरी करने के फैसले का विरोध किया है।
जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में विशेष अदालत के उस फैसले के खिलाफ आज याचिका दायर कर दी, जिसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य को आरोपमुक्त कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि एयरसेल-मैक्सिस समझौता मामले में कुर्क की गई दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि की संपत्तियां मुक्त नहीं की जानी चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि विशेष 2जी अदालत को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह मारन बंधुओं की आरोपमुक्ति के बाद उनके ओर से दिए गए बांड को स्वीकार नहीं करे।
उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय से कहा वह उचित याचिका दायर करे, न्यायालय ने मामले की सुनवाई अपराह्न दो बजे के लिए सूचीबद्ध कर दी। गौर हो कि मारन भाइयों को राहत देते हुए विशेष अदालत ने गुरुवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके उद्योगपति भाई कलानिधि मारन एवं अन्य को एयरसेल-मैक्सिस करार के मामलों, जिनकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की गई थी, से आरोप-मुक्त कर दिया। अदालत ने कहा कि उन पर सरकारी फाइलें गलत पढ़कर, अटकलबाजियों और शिकायतकर्ता की शंका के आधार पर आरोप लगाए गए थे। विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा कि रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्रियों के आधार पर किसी भी आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया ऐसा कोई मामला नहीं बनता जिससे उनके खिलाफ आरोप तय किए जा सकें। धनशोधन मामले के बाबत अदालत ने कहा कि चूंकि आरोपियों को सीबीआई की ओर से दर्ज अनुसूचित अपराध के मामले में आरोप-मुक्त कर दिया गया, इसलिए ईडी की ओर से दर्ज मामला आधारहीन हो गया और अब इसमें कुछ नहीं बचा। ईडी के अधिकारियों का मानना है कि मनी लांड्रिंग के आरोपों पर उसकी जांच अलग है। उसने जो अपराध की कमाई पकड़ी है वह सीबीआई की एफआईआर व जांच से अलग है। बता दें कि इस मामले में गुरुवार का आदेश विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने पारित किया जो टूजी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले और इसकी जांच को लेकर सामने आए मामलों की विशेष रूप से सुनवाई कर रहे थे। सीबीआई ने मारन बंधुाओं, राल्फ मार्शल, टी आनंद कृष्णन, मैसर्स सन डायरेक्ट लिमिटेड, मैसर्स एस्ट्रो आल एशिया नेटवर्क, यूके, मैसर्स मैक्सिस कम्युनिकेशंस बरहाद, मलेशिया, मैसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड, मलेशिया और तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) जेएस शर्मा (जिनकी मामले की जांच के दौरान मौत हो गई) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।