वाराणसी, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि भारत का डीएनए हिंदू है और प्रभु श्रीराम यहां के राष्ट्रीय भगवान अयोध्या में उनके मंदिर निर्माण को देश की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ऐतहासिक स्वतंत्रता भवन सभागार में अशोक सिंहल स्मृति व्याख्यान के तहत श्री राम जन्मभूमि मंदिर स्थित एवं सभावना विषय पर अपने संबोधन में स्वामी ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर भारत की अस्मिता से जुड़ा हुआ है तथा इसका निर्माण का कार्य जल्द से जल्द शुरु होना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्री स्वामी ने मुस्लिम शासकों पर करीब 200 वर्षों के शासन के दौरान मंदिरों को तबाह करने का आरोप लगते हुए कहाए ष् हमारी कमजोरी है कि आज तक राम मंदिर नहीं बना। राम के लिए हम भी कानून बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सारे कारण मंदिर निर्माण के पक्ष में मौजूद हैए लेकिन मस्जिद के लिए एक भी कारण नहीं। उन्होंने कहा कि अदालत ने भी रामजन्म भूमि.बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े एक मामले की सुनवायी के दौरान नवाज करने के लिए मस्जिद होने की अनिवार्यता नहीं होने का फैसला देकर राम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का आधा रास्ता साफ कर दिया है।
स्वामी ने कहा कि भारत के संविधान में आर्टिकल 25 के तहत किसी भी नागरिक को पूजा करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। इसी अधिकार का हवाला देकर उन्होंने उच्चतम न्यायलय के समक्ष इस मामले को रखा हैए जिसमें उन्हें उम्मीद है कि कोई ज्यादा वक्त नहीं लगेगा और फैसला उनके ही पक्ष में आयेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुस्लिम पक्षकार जमीन हासिल करने के लिए मामले को अदालत में ले गए हैं तथा वे तकनीकी रुप से जमीन का मुद्दा उठा रहे हैंए लेकिन उनके स्वामी लिए सिर्फ आस्था का विषय है।
भाजपा के राष्ट्रीय नेता ने कहा कि मुस्लिम शासकों और अंग्रेजों द्वारा करीब 400 वर्षों तक भारत के हिंदूओं को तबाह करने की कोशिशों के बावजूद यहां वर्ष 1947 में 82 फीसदी लोग हिंदू थे। इससे साफ होता है कि यहां का मूल स्वरुप हिंदू है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप एवं वीर शिवाजी जैसे अनेक हिंदुओं महापुरुषों ने देश की अस्मिता की रक्षा के लिए कभी भी हार नहीं मानी। सभागार में दर्शक दीर्घा से मंदिर के समर्थन में लग रहे नारे के साथ मंदिर निर्माण का समय पूछे जाने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने सिर्फ इतना कहा अब जब वह यहां आएंगे तब मंदिर निर्माण कार्य शुरु हो चुका होगा। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल की दूसरी पुण्य तिथि पर उनकी स्मृति में अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ द्वारा आयोजित व्याख्यान में संस्था के उपाध्यक्ष चंपत राय समेत कई गणमान्य लोगों ने अपने.अपने विचार रखे।