नयी दिल्ली, सुरक्षा बलों ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन मुहैया कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए 13 और लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें हिज्बुल मुजाहिदीन के संस्थापक सैयद सलाहुद्दीन, हुर्रियत नेता एवं कारोबारी शामिल हैं जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर आतंकवादियों एवं पत्थरबाजों को कथित तौर पर धन मुहैया कराते हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र ने आतंकवाद को आर्थिक मदद देने वालों की संपत्तियां बड़े पैमाने पर जब्त करनी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 13 ऐसे लोगों एवं उनकी संपत्तियों की पहचान की है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इन जांचों के दौरान पाया गया है कि पहचाने गए लोग लश्कर-ए-तैयबा एवं हिज्बुल मुजाहिदीन समेत सभी बड़े आतंकवादी समूहों के साथ ही जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत नेताओं, अलगाववादियों एवं पत्थरबाजों को धन मुहैया कराते हैं।”
अधिकारी ने बताया कि कश्मीर के आतंकवादी संगठनों को धन पहुंचाया जाता है ताकि वह स्थानीय युवाओं को गुमराह करें और आतंक फैलाने के लिए उनकी भर्ती करें। उन्होंने दावा किया कि इन पैसों का इस्तेमाल हुर्रियत के शीर्ष नेतृत्व के प्रबंधन एवं प्रचार-प्रसार की बड़ी मशीनरी को बरकरार रखने के लिए भी किया जाता है ताकि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों में केंद्र के खिलाफ दुर्भावना पैदा कर सकें।
अधिकारी ने कहा कि इस धन का उपयोग मीडिया संपर्कों, अखबारों एवं सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचनाएं फैलाने के लिए भी किया गया। सुरक्षा एजेंसियों के दस्तावेज के अनुसार, जिन 13 लोगों की पहचान की गई है उनमें मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन शामिल है जो हिजबुल के माध्यम से कश्मीर में और देश के अन्य हिस्सों में अशांति फैलाने में लगा हुआ है।