नई दिल्ली, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना अभियान के तहत अब तक 45 लाख गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशु-मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है। केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री ने एक कार्यक्रम में खुद ये जानकारी साझा की है। मंत्री के अनुसार देश में मोदी सरकार बनने के बाद से महिलाओं के स्वास्थ्य पर अत्यधिक ध्यान दिया जा रहा है और महिलाओं पर केंन्द्रीत योजनाएं पहले की तुलना में जल्दी लागू की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नौवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है। इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों और चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है।
निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों और चिकित्सकों को हर महीने की नौ तारीख को उनके जिलों में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है कि यदि भारत में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीके से कम से कम एक बार जांच की जाए तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाए तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता है।