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सूखेपन,गर्मी से ऑफ-सीजन सब्जियों को भारी नुकसान

शिमला , हिमाचल प्रदेश में पिछले करीब एक माह से जारी शुष्क मौसम और गर्मी की स्थिति में बेमौसमी सब्जियों और रबी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

मौसम कार्यालय ने उत्पादकों और किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए एडवाजरी जारी की है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरिंद्र पॉल ने सोमवार को यहां कहा कि किसानों को उम्मीद है कि शेड में उचित वेंटिलेशन सिस्टम बनाए रखा जाना चाहिए। सब्जी की नर्सरी और फसल को घास और प्लाय शीट से छटाई की जा सकती है। सब्जी के खेतों में जल निकासी सुनिश्चित करें। गरज या बिजली के सीधे प्रभाव से बचने के लिए नए पौधों को घास और पॉली शीट से ढका जा सकता है।

उनके अनुसार राज्य में फसल का मौसम अप्रैल के अंत में शुरू होता है और मई की शुरुआत में अधिकांश जिलों में मसौदा स्थिति से प्रभावित होने की संभावना है। चीड़ के जंगल में हीटवेव ट्रिगर आग जो उच्च प्रदूषण स्तर का कारण बन रही है। वाहनों के यातायात में अचानक उछाल से भी हवा में धूल उड़ती है जिससे वायु गुणवत्ता में भारी कमी आती है। कच्ची और पक्की सड़कों की स्थिति चिंताजनक है। शिमला, मंडी और कुल्लू में कुछ इलाकों में लू का येलो अलर्ट जारी किया गया है। शुष्क मौसम में जून में भारी गिरावट का खतरा भी है, जैसे खुबानी, आड़ू, बेर, बादाम, आम, नाशपाती और सेब की फसलें।

कृषि विशेषज्ञों किसानों को पौधों की क्यारियों में मल्चिंग लगाने के लिए सलाह जारी कर रहे हैं क्योंकि इससे मिट्टी में नमी का स्तर बना रहेगा। यह शिमला मिर्च, टमाटर और अन्य गर्मियों के ऑफ सीजन की कटाई के प्रभावित होने या कम कटाई का कारण बनने का उच्च समय है।
मौसम कार्यालय ने कल के बाद कुछ स्थानों पर मध्यम और उच्च स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बारिश होने की संभावना जतायी है।