नई दिल्ली, सेबी ने सोमवार को ई-वॉलेट के जरिये म्यूचुअल फंड स्कीमों को खरीदने की इजाजत दे दी। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। सेबी के मुताबिक म्यूचुअल फंड ई-वॉलेट के जरिये किए गए भुगतान को स्वीकार करेंगी। इसके जरिये सालाना 50,000 रुपए प्रति म्यूचुअल फंड का निवेश किया जा सकेगा। यह शर्त है कि केवल कैश या डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिये भरे गए ई-वॉलेट ही मान्य होंगे।
सेबी ने निवेशकों के इस प्रक्रिया को आसान बनाने के तहत यह फैसला लिया है, विशेषकर उस युवा वर्ग के लिए ताकि वो इसमें निवेश कर पाएं। इसके अलावा, एमएफ हाउस एवं एसेट मैनेजमेंट कंपनीज को भी अनुमति दी गई है कि वो लिक्विड स्कीम में व्यक्तिगत निवेशकों के लिए तत्काल ऑनलाइन पहुंच सुविधा प्रदान कर सकें। यह कदम एमएफ उद्योग में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और पूंजी बाजार में घरेलू बचत को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है।
नियामक ने बताया, एमएफ हाउस एवं एसेट मैनेजमेंट कंपनीज यह सुनिश्चित करेंगी कि एक निवेशक की तरफ से एक वित्त वर्ष के दौरान ई-वॉलेट के माध्यम से किया जाने वाला कुल सब्सक्रिप्शन 50,000 रुपए प्रति म्युचुअल फंड तक ही सीमित रहे। नियामक ने आगे बताया कि इस तरह के निवेशों की छूट केवल एक यूनिट होल्डर के बैंक खाते में ही की जा सकती है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने एक सर्कुलर के जरिए बताया कि नई सुविधाएं तत्काल प्रभाव से लागू होंगी।