लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा के लिए शिक्षण संस्थानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि बच्चों में ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार शुरू से ही देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के संबंध में बेसिक से लेकर विश्वविद्यालयों तक के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण जरूरी है। अभिभावकों के साथ भी विद्यालयों में बैठक और जागरूकता के लिए प्रभात फेरी निकाली जाए ।
मुख्यमंत्री सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि सड़क सुरक्षा के व्यापक महत्व को देखते हुए पुलिस, यातायात, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवहन, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य संबंधित विभागों के साथ परस्पर समन्वय बनाते हुए जागरूकता अभियान की कार्ययोजना तैयार की जाए । इस कार्य योजना पर 18 मई को प्रदेश के सभी नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ संवाद किया जाएगा। इसके उपरांत सड़क सुरक्षा अभियान का शुभारंभ होगा।
उन्होंने कहा कि बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। यातायात नियमों के संबंध में प्रधानाचार्य, प्राचार्य और विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए । स्कूली बच्चों द्वारा यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रभातफेरी निकाली जाएं और लोगों को ट्रैफिक नियम की जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ने सडकों पर खराब डिजाइन के स्पीड ब्रेकर से आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए इस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि स्पीड ब्रेकर निर्धारित मानक के अनुरूप होने चाहिए और सड़क पर उसकी पेंटिंग (मार्किंग) होनी चाहिए , ताकि वाहन चालक सुरक्षित रूप से गुजर सकें ।
उन्होने कहा कि सड़क पर अनफिट बसों का संचालन हर हाल में रोका जाए । फिटनेस के मानकों पर फेल बसों को किसी भी दशा चलने नही दिया जाए ।