हमीरपुर, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में 86 प्राइमरी व जूनियर हाई स्कूलों के ऊपर से निकली हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटाने के लिये बजट आवंटित न होने से हजारों मासूमों के सिर पर मौत का खतरा मंडराता रहता है। फिलहाल विद्युत विभाग ने छियासी में से 46 विद्यालयों का आगणन तैयार कर 60 लाख 44 हजार रुपये बेसिक शिक्षा विभाग से मांग की है,मगर शासन से बजट प्राप्त न होने के कारण मामला ज्यो का त्यो पड़ा हुआ है।
जिला वेसिक शिक्षा अधिकारी(बीएसए) आलोक सिंह ने रविवार को बताया कि शासनादेश के मुताबिक हाईटेशन (एचटी)लाईन के नीचे संचालित 86 परिषदीय विद्यालयों का चिंहाकन किया गया था,जिसमे ब्लाक कुरारा मे 16,मौदहा में 23,सुमेरपुर में 25, गोहांड में 16, राठ में छह विद्यालय चिंहित किये गये थे। इन विद्यालयों में अध्ययन कर रहे हजारों बच्चों पर विद्युत लाइन टूट कर गिरने का खतरा मंडराता रहता है। इसके पहले कई स्थानों में घटनाएं भी हो गयी है। जिसमे विद्युत विभाग को विद्युत लाइन हटाने के लिये कहा गया था जिसमे बामुश्किल बिजली विभाग में एक सर्वे कर फिलहाल 46 विद्यालयों का आगणन 60.44 लाख रुपये बनाकर बीएसए को दिया था। मगर शासन से इस पर कोई
विचार नही किया है जिससे मामला अधर में लटका हुआ है जबकि बिजली विभाग ने बीएसए को दो मर्तवा पत्र लिखकर बजट दिलाये जाने को कहा है।
विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता सुमित व्यास ने बीएसए को पत्र भेजकर कहा है कि फिलहाल बजट मिलने के बाद 86 में 46 विद्यालयों की विद्युत लाइन हटा दी जायेगी शेष 40 विद्यालयों का स्टीमेट तैयार किया जा रहा है। इधर बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर राजीव कपूर का कहना है कि विद्युत लाइन के नीचे विद्यालय का निर्माण करने के लिये शिक्षा विभाग दोषी है,विदयुत लाइन कभी भी किसी विद्लालय के ऊपर से नही निकाली जाती है बाद में लोग विद्यालय व मकान का निर्माण करा लेते है और विद्युत विभाग पर दोष मढ़ देते है।