नई दिल्ली, सरकार ने आज बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर स्कूलों में लड़कियों एवं लड़कों के नामांकन प्रतिशत में बहुम कम अंतर रह गया है और यह बेहतर होकर 48 से 49 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है। लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि ऐसी स्थिति पहले थी जब स्कूलों में लड़कियों का नामांकन का स्तर कम था। लेकिन पूर्ववर्ती अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा शुरू किये गए सर्वशिक्षा अभियान के परिणाम स्वरूप पिछले कई वर्षों में स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर स्कूलों में लड़कियों एवं लड़कों के नामांकन प्रतिशत में बहुम कम अंतर रह गया है। 2010.11 में प्रथमिक स्तर पर लड़कियां के नामांकन का प्रतिशत 48.64 था जो 2015.16 में बढ़कर 48.75 प्रतिशत हो गया। इसी प्रकार से माध्यमिक स्तर पर 2010.11 में माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के दाखिले का स्तर 45.02 था जो 2015.16 में बढ़कर 47.73 प्रतिशत हो गया। जावडेकर ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान का प्रथम लक्ष्य सर्वसुलभ नामांकन और लड़कियों सहित सभी बच्चों को स्कूल में लाए जाने के लिए सभी प्रयास करना है।