स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए, बिंदेश्वर पाठक को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
October 10, 2017
नई दिल्ली, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक पद्मभूषण बिंदेश्वर पाठक को स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आज यहां प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में श्री पाठक को इस पुरस्कार से सम्मानित किया।
बिंदेश्वर पाठक को पुरस्कार के तहत पांच लाख रुपये, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। पुरस्कार के लिए इस वर्ष 56 नामांकन प्राप्त प्राप्त हुए जबकि पिछले वर्ष 47 नामांकन प्राप्त हुए थे। इससे पहले यह पुरस्कार लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्री यशपाल, श्रीमती अरुणा राय, डॉ ई श्रीधरन, एन आर नारायणमूर्ति, सैम पित्रोदा , डॉ एम एस स्वामीनाथन, डॉ नरेन्द्र त्रेहन आदि को मिल चुका है।
इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन सस्थान के अध्यक्ष अनिल शास्त्री ने कहा कि श्री पाठक का कार्य स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। वर्ष 1999 में स्थापित यह प्रतिष्ठित पुरस्कार श्री पाठक के स्वच्छता में अहम योगदान के लिए दिया जा रहा है । उन्होंने कहा कि गांधी जी के स्वच्छता पर विचार, जो आज भी सरकार का विचार है। यह पुरस्कार भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति को कायम करता है।
शौच और साफ.सफाई के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर काम करने के लिए मशहूर श्री पाठक ने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की और इसके ज़रिए वह देश में श्शौचालय क्रांति लाए। यह संस्था मुख्यत मानव अधिकार, पर्यावरणीय स्वच्छता, स्वास्थ्य , ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्रोतों, शिक्षा द्वारा सामाजिक परिवर्तन आदि क्षेत्रों में कार्य करती है।
पाठक एक विश्व प्रसिद्ध समाज विज्ञानी भी है। उन्होंने पाठक ने सुलभ शौचालयों के द्वारा बिना दुर्गंध वाली बायोगैस के प्रयोग की खोज की। इस सुलभ तकनीकी का प्रयोग भारत सहित अनेक विकाशसील राष्ट्रों में बहुतायत से होता है। सुलभ शौचालयों से निकलने वाले अपशिष्ट का खाद के रूप में प्रयोग को भी प्रोत्साहित किया गया है। पाठक को 1991 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पुरस्कार के लिए पाठक के नाम का चयन ग्यारह सदस्यीय जूरी ने किया, जिनमें श्री शिवराज पाटिल,श्रीमती मोहसिना किदवई, न्यायमूर्ति एम के शर्मा , श्री अनिल राज़दान, प्रोफेसर डी के वंद्योपाध्याय , डॉ मीनाक्षी गोपीनाथ , जस्टिस जी बी पटनायक , श्रीण् सत्यानंद मिश्रा, श्री राजीव दुबे, श्री आदर्श शास्त्री और श्री अनिल शास्त्री शामिल थे।