लखनऊ,इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सहायता प्राप्त प्राईमरी स्कूलों के बच्चों को स्वेटरए मोजे आदि न देने के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। न्यायालय ने जानना चाहा है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ.साथ सहायता प्राप्त विद्यालयों के बच्चों को यह सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है।
मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबा साहब भोसले एवं न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ की ओर से दायर जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिये। दायर जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत छह वर्ष की उम्र से 14 वर्ष तक के छात्रों को निःशुल्क स्वेटर और मोजे आदि दिए जाने का नियम है। कहा गया कि सरकारी विद्यालयों के साथ.साथ नियमानुसार सहायता प्राप्त विद्यालयों के छात्रों को भी यह सुविधाएं दी जानी चाहिए।
यह भी कहा गया कि छह से 14 वर्ष के सभी छात्रों को समान सुविधाएं मुहैया कराई जाए। याचिका का विरोध करते हुए विपक्षीगणो की ओर से कहा गया है कि मितव्ययिता के आधार पर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के छात्रों को यह सुविधाएं नहीं दी जा सकती है। अदालत ने सुनवाई के बाद सभी विपक्षीगणों से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है।