हर जीव-जंतु के लिए जीवन रक्षक सेवा का केंद्र बना है आईवीआरआई: मुख्यमंत्री योगी

बरेली,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के शोधकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान की 136 वर्षों की साधना पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।

संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये उन्होने कहा “ आप जैसे वैज्ञानिक उस मूक प्राणी की आवाज बनते हैं जिसे दुनिया सुन नहीं पाती। आप सभी का शोध और सेवा समाज को एक नई दिशा देता है।”
कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने मेधावियों को 24 पदक और 576 स्नातक डिग्री की उपाधियां वितरित कीं।

बरेली को भारत की पौराणिक और आध्यात्मिक नगरी बताते हुए उन्होने कहा कि यह क्षेत्र प्राचीन काल में पांचाल देश के रूप में विख्यात था और यहां देवाधिदेव महादेव के सात प्राचीन मंदिरों की श्रृंखला ‘नाथ कॉरिडोर’ के रूप में विकसित की जा रही है। बाबा अलखनाथ, वनखंडी नाथ, त्रिवटी नाथ, तपेश्वर नाथ, मढ़ी नाथ, धोपेश्वर नाथ और श्री पशुपाति नाथ मंदिर बरेली की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि जहां मंदिरों की श्रृंखला इस नगर को आध्यात्मिक पहचान देती है, वहीं आईवीआरआई ने इसे आधुनिक वैज्ञानिक पहचान प्रदान की है।

मुख्यमंत्री योगी ने संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि आईवीआरआई न केवल पशुधन बल्कि हर जीव-जंतु के लिए जीवन रक्षक सेवा का केंद्र बना है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब आरटीपीसीआर जांच एक चुनौती बनी हुई थी, तब आईवीआरआई ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर दो लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं। संस्थान की प्रतिबद्धता यह दिखाती है कि इसकी भूमिका केवल पशु चिकित्सा तक सीमित नहीं, बल्कि वह मानव जीवन रक्षा में भी अग्रणी रही है।

उन्होने लंपी स्किन डिज़ीज पर भी विस्तार से चर्चा की और बताया कि कैसे इस बीमारी की दूसरी लहर के दौरान जब गोवंश बुरी तरह प्रभावित हुआ, तब आईवीआरआई द्वारा विकसित टीके ने उत्तर प्रदेश को संक्रमण से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में हमारी गौशाला में भी संक्रमण फैल चुका था, लेकिन जब वैज्ञानिकों ने परीक्षण वैक्सीन देने की बात कही, तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला से बात कर अनुमति प्राप्त की गई और आईवीआरआई द्वारा बनाई गई वैक्सीन से प्रदेश में लंपी का पूरी तरह से सफाया किया गया।

दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा “ आज का दिन आपके जीवन का एक नया अध्याय है। यह केवल डिग्री नहीं, बल्कि समाज को आपकी सेवा समर्पित करने की शपथ है। आपकी यह यात्रा राष्ट्र के भविष्य निर्माण में निर्णायक होगी। ”

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