नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरु करने वाले मुख्तार अब्बास नकवी अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रीमंडल में मंत्री रहने के बाद मोदी सरकार में भी दूसरी बार मंत्री बने और संसद की बहसों में अपनी हाजिर जवाबी तथा शेरो शायरी से लोगों का दिल जीता है।
पंद्रह अक्टूबर 1957 को इलाहाबाद में जन्में श्री नकवी 17 साल की उम्र में आपातकाल में जेल गये थे और 1980 में जनता पार्टी सेकुलर के उम्मीदवार के रूप में पहली बार विधायक बने। वर्ष 1980 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अयोध्या से लोकसभा का चुनाव लड़ा । वह पहली बार 1988 में लोकसभा के सदस्य बने थे।
भारतीय जनता पार्टी में प्रमुख मुस्लिम चेहरे के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले श्री नकवी ने तीन किताबें भी लिखी हैं और वह अल्पसंख्यकों के हितों के लिए हमेशा लड़ते रहे हैं। वह पिछली मोदी सरकार में पहले अल्पसंख्यक राज्यमंत्री बने फिर बाद में उन्हें इस मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार प्रदान दिया गया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में वह अपनी कुशलता का परिचय दे चुके हैं।
श्री नकवी पांच जुलाई 2010 से चार जुलाई 2016 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य रहे। बाद में चह झारखंड से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।