नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि सभ्य समाज के लिए किसी भी रूप में हिंसा अस्वीकार्य है और अब लोग यह समझने लगे हैं कि हिंसा का प्रतिरोध किया जाना चाहिए।
श्री अंसारी ने जकार्ता में पहले हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों के संघ-आईओआरए के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद विशेष विमान से कल स्वदेश पहुंचने के दौरान आतंकवाद के सवाल पर संगठन मीडिया से बातचीत में कहा कि शिखर सम्मेलन में आतंकवाद को रोकने और उससे निपटने तथा हिंसक उग्रवाद पर एक घोषणापत्र पारित किया गया है, जिससे इस मामले में क्षेत्र के देशों के समान दृष्टिकोण का पता लगता है। अब यह विचार लगातार किनारे होता जा रहा है कि कोई आतंकवाद को बढ़ावा देकर बच सकता है। भारतीय मछुआरों पर श्रीलंका की नौसेना द्वारा की गयी कथित गोलीबार के सवाल पर उन्होंने कहा, शिखर सम्मेलन के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति के सामने मैंने इस मामले को उठाया था और उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने श्रीलंका नौसेना के कमांडर से बात की है, जिन्होंने उन्हें बताया है कि श्रीलंका की ओर से इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस मामले की पूरी जांच करने के आदेश दिये हैं। आईओआरए के अस्तित्व के बारे में पूछे गये सवाल पर अंसारी ने कहा कि 2011 में बेंगलुरु में हुई बैठक में हिन्द महासागर क्षेत्र पर फिर से ध्यान केन्द्रित किया गया है और इंडोनेशिया पहले पहचाने गये क्षेत्रों के लिए की गयी पहल को आगे बढ़ा रहा है। अब संगठन की गतिविधि पर फिर से जोर है और अब यह 21 देशों का एक संगठन है। अत्याधुनिक आईओआरए केन्द्र की स्थापना के भारत के प्रस्ताव के बारे में उन्होंने कहा कि सभी सदस्य देश समुद्री मुद्दों और हितों से जुड़े मामलों पर व्यापक कार्य कर रहे हैं। इंडोनेशिया को भारत का निर्यात बढने के सवाल पर श्री अंसारी ने कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ इस मुद्दे पर विचार विमर्श हुआ है और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध बढ़ाने की दिलचस्पी बढ़ी है। इंडोनेशिया के साथ दो क्षेत्रों विशेषकर रक्षा उपकरण खरीदने और दवा निर्माण के बारे में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।